गोविंद बल्लभ पंत के जन्म स्थान पौड़ी के च्वींचा गाँव में उनके नाम पर संग्रहालय बनाया जायेगा:जिलाधिकारी

प्रदीप कुमार

पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। जी.बी.पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी व जिला कार्यालय परिसर में धूमधाम से मनाई गयी पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती।
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कुशल प्रशासक, उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत की 136 वीं0 जयंती के अवसर पर आज जी.बी.पंत इंजीनियरिंग कालेज घुड़दौड़ी में जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ.आशीष चौहान ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
घुड़दौड़ी में आयोजित कार्यक्रम के पश्चात जिला प्रशासन एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जिला कलेक्ट्रेट प्रांगण में जिलाधिकारी सहित उपस्थित गणमान्यों ने पंत जी के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित किए व स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। अयोजित विचार गोष्ठी में स्कूल की छात्राओं व उपस्थित लोगों द्वारा पंत के जीवन चरित्र व आजादी में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया।
आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि भारत रत्न पंत ने हिंदू कोड बिल को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिससे महिला वर्ग को विशेष अधिकार प्राप्त हुए। उन्होंने काशीपुर में प्रेम सभा का गठन किया जो शैक्षणिक क्षेत्र में कार्य करती थी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत का नाम जब भी लिया जाता है तो हमारे सामने एक ऐसे आंदोलनकारी की तस्वीर उभर कर सामने आती है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रियता से भाग लिया। उनका योगदान न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाने में था, बल्कि आजादी के बाद भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में भी था। जिलाधिकारी ने कहा कि भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत की प्रतिमा पौड़ी शहर में स्थापित की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारी को प्रतिमा स्थापित करने हेतु भूमि का चयन करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत के जन्म स्थान च्वींचा गाँव में उनके नाम पर संग्रहालय बनाने के लिए आगे की कार्यवाही की जाएगी।
मौके पर ब्लॉक प्रमुख कोट पूर्णिमा नेगी, संस्कृति विभाग से प्रेम चंद्र ध्यानी, आंदोलनकारी बीरा भंडारी, नाजीर मनोज रावत सहित सुषमा रावत, कुलदीप गुसाईं, दीपक नेगी, मेहरबान सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।