शिक्षक कोई पेशा नहीं अपितु एक विचारधारा है: डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। देहरादून 5 सितंबर/ शिक्षक कोई नौकरी अथवा पेशा नहीं है अपितु वह तो एक विचारधारा है जो सतत चलती रही है ,चल रही है ,और रहेगी।
उपरोक्त विचार सहायक शिक्षा निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने व्यक्त किए, वह अपने आवास व्हाइट हाउस धरमपुर देहरादून में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि शिक्षाविद कोठारी ने कहा था कि भारत का भाग्य विद्यालयों की कक्षाओं में निर्मित होता है, अर्थात जिस प्रकार फैक्ट्री में तमाम किस्म के निर्माण होते हैं ,ठीक उसी प्रकार यदि भारत माता के भाग्य का निर्माण होता है तो वह विद्यालयों में होता है, और उसके शिल्पी शिक्षक होते हैं।


डॉ घिल्डियाल ने कहा कि इतिहास साक्षी रहा है ,जब-जब शिक्षकों की अनदेखी हुई है ,तब तब सत्ताधीशों का प्रलय हुआ है, और जब-जब शिक्षकों का सम्मान हुआ है ,तो देश का माहौल खुशनुमा हुआ है ,क्योंकि भाग्य निर्माण की जो कार्यशाला विद्यालयों में चल रही है, उसमें किसी तरह का व्यवधान पैदा नहीं होना चाहिए।
स्मरणीय है कि आज सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा और उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का स्वयं का भी जन्मदिन है ,इसलिए उनको बधाई देने के लिए तमाम शिक्षक एवं अधिकारी उनके आवास पर पहुंचे और उन्होंने इस अवसर पर पूरे राज्य के शिक्षकों की प्रतीक स्वरूप वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं हरिश्चंद्र गुप्ता इंटरमीडिएट कॉलेज ऋषिकेश की सेवानिवृत शिक्षिका मंजू बडोला को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से बड़ी संख्या में प्रधानाचार्य शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।