उत्तरकाशी जनपद एवं रंवाई घाटी के सीमान्त गांव पाली में आराध्य देव जाख सोमेश्वर महाराज को समर्पित यह मेला बड़े धूमधाम व भव्य तरीके से मनाया जाता है।
पौराणिक अठोड मेले में दूर बुग्यालों से वापस लौटकर भेड़-बकरियां मन्दिर प्रांगण की अनूठी परिक्रमा करती हैं।
मान्यता है की फसल, पशुओं की उन्नति तथा ग्रामीणों की खुशहाली हेतु यह भव्य मेला प्रति 3 वर्ष के अंतराल में आयोजित किया जाता हैं।
उत्तराखंड की लोक संस्कृति के संवाहक इस ऐतिहासिक मेले में हर बार भारी संख्या में मेलार्थियों/श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता हैं।
अठोड मेले को ‘भेडो की जातर’ नाम से भी जाना जाता है।
इस वर्ष अठोड मेला गत 30 अगस्त को बड़े धूमधाम व भव्य तरीके से मनाया गया, भारी संख्या में मेलार्थियों द्वारा जाख सोमेश्वर महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया गया।
VC- Kapil JwaLa FiLm(YouTube)