सिद्धपीठ चंद्रबदनी पीठाधीश्वर माता कुसुम लता ने सहायक निदेशक से मुलाकात कर मंदिरों की धार्मिक गतिविधियों पर विचार विमर्श किया

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। विगत दिवस को सिद्धपीठ चंद्रबदनी मंदिर करनाल हरियाणा की पीठाधीश्वर माता कुसुम लता ने सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल से उनके आवास व्हाइट हाउस धर्मपुर देहरादून में मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान विगत 30 वर्षों से चावल देखकर भविष्य बताने की सिद्धि के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध माता कुसुम लता ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक मंदिरों में सरकार की तरफ से संस्कृत विद्यालय भी खोलने पर चर्चा की, उन्होंने सुझाव दिया कि सभी मंदिरों को पर्यटन सर्किट से जोड़कर यहां पर संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने से एक तरफ राज्य में पर्यटन की संभावना बढ़ेगी तो दूसरी तरफ संस्कारी शिक्षा से राज्य के नोनीहाल लाभान्वित होंगे।
कुसुम लता ने कहा कि उनका यह विचार पूरे देश के लिए है, परंतु इसकी शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड से हो तो बहुत अच्छा संदेश जाएगा और इससे यात्रियों को अपनी श्रद्धा के अनुसार विभिन्न विधाओं के पंडित भी वहीं पर मिल जाएंगे, जिससे उत्तराखंड के मठ मंदिरों के प्रति लोगों के विश्वास में अत्यधिक बढ़ोतरी होगी।
सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने इस संदर्भ में बहुत शीघ्र शिक्षा मंत्री एवं पर्यटन मंत्री से बातचीत करने की बात कही, माता कुसुम लता ने सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को पुष्पगुच्छ भेंट करते हुए करनाल हरियाणा में शीघ्र आयोजित होने वाले दुर्गा महोत्सव में सपरिवार शामिल होने का आमंत्रण भी दिया।