स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित मुशायरा व कवि सम्मेलन में कवियों ने सुनाएं राष्ट्रीय एकता पर कलाम,दिल्ली के इमाम ए चीफ को मिला फख्र ए हिंद अवार्ड

रूड़की।आल इंडिया सूफी संत परिषद-उत्तराखंड की ओर से स्वाधीनता दिवस समारोह के अवसर पर दिल्ली से पधारे आल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइज़ेशन के चीफ और मुस्लिम विचारक डॉ०इमाम उमेर इल्यासी को “फख्र-ए-हिन्द” अवार्ड से सम्मानित किया गया।ये एवार्ड उनको प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य व उत्तराखंड के विख्यात कथावाचक आचार्य पंडित रमेश सेमवाल,सहारनपुर के शहर काजी शाह नदीम अख्तर,पूर्व विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन,भाजपा के जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति,कांग्रेस महानगर अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह एड०,किसान यूनियन (अंबावत) महिला की राष्ट्रीय अध्यक्ष रश्मि चौधरी,नगर के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ०जेएन भटनागर,डॉ०संध्या भटनागर,भाजपा युवा नेता अक्षय प्रताप सिंह,युवा समाजसेवी सुहैब मलिक, और संयोजक अफजल मंगलोरी ने संयुक्त रूप से भेंट किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता कवि सम्मेलन व मुशायरे का शुभारंभ करते हुए इमाम चीफ डॉ०उमेर इल्यासी ने कहा कि हमारी मिली जुली संस्कृति जो सदियों से चली आ रही है,इसको कोई मिटा नहीं सकता।ये हमारे भारत की पहचान है।उन्होंने कहा कि हमको एक दूसरे के मजहब का सम्मान करना चाहिए और अपने वतन को मजबूत और तरक्की याफ्ता बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।इस अवसर पर एडवोकेट बाबू सुखपाल सिंह पंवार,विधायक प्रदीप बत्रा, समाजसेवी हकीम अब्दुल अजीज,टेक बल्लभ वैद्य,पार्षद मोहसिन अल्वी,डॉ०चंद्रशेखर ग्रोवर,प्रोफेसर एए काजमी,शारिक सुल्तान, काजी सिराजुद्दीन,जुबैर काजमी ने अतिथि शायरों व कवियों का सम्मान किया।कवि सम्मेलन व मुशायरे की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष शोभराम प्रजापति ने की और संचालन अफजल मंगलौरी व अनिल अमरोहवी ने किया।शायरों व कवियों ने काव्य पाठ किया,उनमें आगरा से आये शशांक प्रभाकर,जयपुर से बनज कुमार बनज,चंडीगढ़ से कुमारी ईशा चौहान “नाज़”,देवबन्द से जावेद आसी,नईम अख्तर,शामली से वसीम झिझानवी,सहारनपुर से कुमारी इकरा नूर,अफरोज आलम टांडा,कुमारी अंजुम सनम आदि ने देश प्रेम और राष्ट्रीय एकता पर कविताओं से वाह वाही लूटी।कार्यकम में विकास वशिष्ठ,सै०नफीसुल हसन,इमरान देशभक्त,अनिल अमरोहवी, सुशील कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।देशभक्त कवि सैयद नफीसुल हसन ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
प्रसिद्ध शायर अफरोज टांडवी ने अपने कलाम से श्रोताओं को कुछ इस तरह से नवाजा कि…
आज जो हमने उसे छत पर टहलते देखा।
मुद्दतों बाद दुखी दिल को बहलते देखा।।
शायर जावेद आशी ने पढ़ा की…
बिरसतों की जिदों में मकान टूट गए।
इन आंधियों में कई खानदान टूट गए।।
नईम अख्तर देवबंदी में अपने कलाम आज से नवाजते हुए पढा कि…
तेरे दीदार की हसरत में चले आते हैं।
हम भी पागल हैं मोहब्बत में चले जाते हैं।।
कवित्री डॉक्टर अंजुम सनम ने पढ़ा कि…
हमारा दिल तुम्हारा हो गया,
ऐसा क्या किया इशारा,
यह पागल तुम्हारा हो गया।
सायरा ईकरा नूर ने पढा कि…
जब तलक मुझसे ना मिलने के लिए तू आएगा।
दिल मेरा तुझको ही बस तुझको पुकारे जाएगा।।