छात्रों ने सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों के साथ चर्चा  की

देहरादून – सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थानदेहरादून में जिज्ञासा 2.0 कार्यक्रम के अंतर्गत  नैंसी इंटरनेशनल स्कूलडोईवालादेहरादून की दसवीं-बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए एक दिवसीय “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और विश्लेषणात्मक तकनीक जागरूकता” कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसऔर कच्चे तेल और संबंधित उत्पादों के लक्षण वर्णन के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न विश्लेषणात्मक तकनीकोंगैर-खाद्य वनस्पति तेल के उपयोग के लिए विकसित प्रौद्योगिकियों और उपयोग किए हुए खाना बनाने के तेल के बारे में जानकारी देना था।  

डॉ. आरती द्वारा जिज्ञासा कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त विवरण देते हुए छात्रों को ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन के बारे में भी जागरूक किया और यह भी बताया कि किस प्रकार हमारे छोटे- छोटे प्रयास ग्रीनहाउस गैसों को कम करने में मदद करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों के साथ चर्चा भी की डॉ. तुहिन शुव्रा खान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)मशीन लर्निंग और चैट जीपीटी के बारे में बताया। उन्होने छात्रों को बताया कि कैसा प्रकार एआई कृषिमौसम की भविष्यवाणीस्वास्थ्य सेवा आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने चैटजीपीटी और इसके शिक्षा में सहयोग  के बारे में छात्रों को बताया। छात्रों को प्रयोग किए हुए खाने के तेल से बायोडीज़ल निर्माण प्रक्रम की भी जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त छात्रों ने जैव-प्रौद्योगिकी और जैव रसायन प्रयोगशालाउन्नत कच्चा तेल अनुसंधान केंद्रआईआर और एक्सआरडी जैसी विभिन्न प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. उमेश कुमारप्रधान वैज्ञानिकश्री पंकज आर्यप्रधान वैज्ञानिकडॉ. कमल कुमारवरिष्ठ तकनीकी अधिकारीदीपेंद्र त्रिपाठीवरिष्ठ तकनीकी अधिकारीडॉ. ज्योति पोरवालवरिष्ठ तकनीकी अधिकारीडॉ. प्रदीप त्यागीवरिष्ठ तकनीकी अधिकारीडॉ. रघुवीर सिंहवरिष्ठ तकनीकी अधिकारीने मुख्य भूमिका निभाई तथा श्री प्रदीप पुंडीरश्री मुकुल शर्माश्री संजय मौर्यश्री शिव सिंह रावत और श्री अजय पॉल ने उल्लेखनीय सहयोग किया। इस कार्यक्रम का संयोजन जिज्ञासा समन्वयक डॉ. आरतीप्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-आईआईपी ने किया।