एनआईटी क्षेत्रीय एकता संघर्ष समिति का गठन

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। आज 23 जुलाई 2023 को विकासखंड खिरसू के न्याय पंचायत चमराड़ा में महापंचायत एक बैठक आयोजित की गई जिसमें क्षेत्र के विभिन्न गांवाें सुमाड़ी, खालू, चमराड़ा, दादंणी और नयालगढ़ आदि गांवाें द्वारा एनआईटी को निशुल्क भूमि दान दी थी।
आज बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी भूमि दान दाताओं की एक स्पष्ट मजबूत समिति बनाने का निर्णय लिया गया।
सर्व सहमति से आज एनआईटी क्षेत्रीय एकता संघर्ष समिति का गठन किया गया।
वक्ताओं ने कहां की इस क्षेत्र के लोगों की भूमि एनआईटी के द्वारा अधिकरण की गई है लेकिन यहां के लोगों को आज तक एनआईटी में बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं किया गया जबकि एनआईटी में बाहरी लोगों को लाकर रोजगार दिया जा रहा है जिसका भारी कड़ा विरोध किया गया।
खिरसू ब्लॉक के कनिष्ठ प्रमुख भगवान सिंह का कहना है कि एनआईटी के अधिकारियों एवं उत्तराखंड सरकार के द्वारा वर्षों से ग्रामीणों के साथ भेदभाव किया जा रहा है जिससे चमराड़ा न्याय पंचायत में नवनिर्वाचित समिति के द्वारा रोष व्यक्त करते हुए सरकार से तत्काल एनआईटी में रोजगार देने की मांग की गई जो लोग भूमिहीन के अंतर्गत आते हैं।
आज की इस कार्यक्रम में अलकनंदा सामाजिक एवं सांस्कृतिक सेवा समिति के अध्यक्ष गम्मा सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा कि लंबे समय से एनआईटी का कार्य प्रस्तावित है यहां की बेरोजगार नव युवकों को एनआईटी में रोजगार देने की बात कहीं आगे उन्होंने कहा कि एनआईटी में बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है जबकि भूमि दानदाताओं को एनआईटी रोजगार देने की मांग करते हुए रोष व्यक्त किया और सरकार से तत्काल संज्ञान लेते हुए एनआईटी क्षेत्रीय एकता संघर्ष समिति की मांगों को गंभीरता से अपने स्तर से अति शीघ्र कार्रवाही करें।
समिति के सचिव सुरजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि बैठक का मुख्य एजेंडा भूमि दानदाताओं को एनआईटी में स्थाई पदों पर युक्तियों के लिए एक कॉपरेटिव समिति बनाकर मजबूती से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ना है।
समिति के सह सचिव अमित कंडारी ने कहा कि जिन लोगों की भूमि जबरन सरकार ने और एनआईटी ने अधिग्रहण की है उसका भूमि रिकॉर्ड पूरा लेकर हक हकूको के लिए मजबूती से तैयार रहना है।
समिति के सदस्य सुरेश मुयाल ने कहा कि हम सभी क्षेत्रीय लोगों ने अपनी जमीन एनआईटी को दी है लेकिन एनआईटी कई वर्षों से श्रीनगर में ही संचालित हो रही है सुमाड़ी क्षेत्र में तो पता नहीं कार्य प्रारंभ कब होगा। मुयाल ने आगे कहा कि हम लोगों में एकता नहीं है इसलिए एनआईटी भारी लोगों को रोजगार दे रहा है।
प्रधान चमराड़ा जितेंद्र सिंह धनाई ने कहा कि अपने हक हकूमत के लिए समिति का गठन करना अति आवश्यक है।
मुकेश भंडारी ने कहा कि एनआईटी में दान नुमा भूमि खालू,चमराड़ा, सुमाड़ी, नयालगढ़ आदि गांव के लोगों की जमीन कितनी कितनी किसके हिस्से से गई है उस भूमि दान प्रस्ताव एवं रजिस्ट्री कॉपी की प्रतिलिपि सभी के समक्ष उजागर करनी होगी।
एनआईटी क्षेत्रीय एकता संघर्ष समिति की अध्यक्षता कैलाश नौटियाल द्वारा की गई एवं कार्यक्रम का संचालन अमित कंडारी द्वारा किया गया अंत में समिति के अध्यक्ष भगवान सिंह ने कहा कि यदि हमारी मांगो पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
क्षेत्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष पद पर भगवान सिंह, उपाध्यक्ष कैलाश चंद्र नौटियाल, सचिव सुरजीत सिंह बिष्ट, सह सचिव जगमोहन सिंह तड़ीयाल,कोषाध्यक्ष चंदन सिंह चौहान, उप सचिव अमित कंडारी, विशेष आमंत्रित सदस्यों में सुरेश मुयाल, विकेश सिंह, जितेंद्र सिंह धनाई, गबर सिंह भंडारी सरणा, हरेंद्र सिंह रावत, उमेद सिंह, हरिप्रसाद, लक्ष्मण सिंह भंडारी, हरेंद्र सिंह भंडारी, मंगल सिंह, राजेंद्र प्रसाद, मुकेश भंडारी, भगत सिंह नेगी, खिलानंद, गिरीश चंद्र ,संजय कैंथोला, शंकर मणि चमोली, अजीत कुमार, अमन कुमार, अभिषेक सिंह, गजेंद्र सिंह, प्रकाश चंद्र कैंथोला आदि लोग उपस्थित थे