लंपी वायरस रोग की रोकथाम हेतु पशुपालन विभाग निजात पाने में जोर शोर से प्रयासरत

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। लंपी वायरस निजात पाने के लिए पशुपालन विभाग श्रीकोट श्रीनगर जोर शोर से प्रयासरत हैं।पशुओं में बड़ा लंपी वायरस पशुओं फैली इस बीमारी से कई पशु प्रभावित हुए हैं जिसका सीधा प्रभाव पशुओं के जीवन चक्र में पड़ रहा है।
पशुपालन विभाग के डॉक्टरों व कर्मचारियों के चलते गांवाें में लंपी वायरस का टीका लगाया गया जिसके परिणाम स्वरूप श्रीकोट श्रीनगर एवं निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में लंपी वायरस से कुछ हद तक निजात पाया गया। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.उत्तम कुमार के द्वारा बताया गया कि वर्तमान में चल रही ल पी रोग से बचाव हेतु दिनांक 17/0 5/2023 से पशु चिकित्सालय श्रीनगर श्रीकोट के द्वारा 3 टीम बनाकर श्रीनगर शहर एवं निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास लगातार गाेट पाैक्स वैक्सीन से टीकाकरण का कार्य प्रतिदिन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लंपी वायरस के प्राथमिक लक्षण त्वचा पर चेचक, तेज बुखार, और नाक बहना है इस वायरस के संक्रमण के बाद पशु को तेज बुखार आता है बुखार आने के बाद उसकी शारीरिक क्षमताएं गिरने लगती हैं कुछ दिनों बाद संक्रमित पशु के शरीर पर चकत्ते के निशान उभर आते हैं लंपी वायरस एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर मक्खी कीट पतंगों के काटने या सीधा संपर्क में आने अथवा दूषित खाने या पानी से फैलती हैं।
लंपी गांठदार त्वचा रोग वायरस (एलएसडीवी) कहते हैं इस बीमारी के परिणाम स्वरुप पशु दुर्बल, दूध में कमी, बांझपन, शारीरिक विकास ना होना, गर्भपात इस प्रकार की अन्य बीमारी हो जाती है।
डॉ.उत्तम कुमार का कहना है कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए पशुओं को टीका लगाया जा रहा है और लंपी वायरस रोग से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीहिस्टामीनिक दवाई दी जा रही हैं।
डॉ.उत्तम कुमार का कहना है कि अगर किसी भी पशुपालक को अपने पशुओं में इस बीमारी के लक्षण दिखे तो वह तत्काल पशु चिकित्सा विभाग श्रीनगर श्रीकोट को सूचित करें।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.उत्तम कुमार के साथ जी जान से मेहनत करने वाले पशुपालन विभाग के कर्मचारियों में कलम सिंह नेगी पशुधन प्रसार अधिकारी, प्रमोद कुमार वेटरनरी फार्मासिस्ट, अमित कुमार वेटरनरी फार्मासिस्ट, आनंद सिंह नेगी वैक्सीनेटर, सुरेंद्र सिंह वैक्सीनेटर, विजय कुमार पशुधन सहायक, रेखा देवी पशुधन सहायक, सुबंधन सिंह पशुधन सहायक आदि कर्मचारी एवं सहयोगी हर समय उपस्थित रहते हैं।