जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश के लिए गौशाला की स्थापना एवं पशुधन से संबंधित लंपी रोग नियंत्रण के संबंध में वर्चुअल माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक।

गबर सिंह भंडारी

पौड़ी श्रीनगर गढ़वाल – जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश के लिए गौशाला की स्थापना तथा पशुधन से संबंधित लंपी रोग नियंत्रण के संबंध में वर्चुअल माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने निराश्रित गोवंश के लिए गौशाला की स्थापना से संबंधित पूर्व में भूमि चयन के दिए गए निर्देशों के अनुपालन का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि जिन क्षेत्रों में अभी तक गौशाला की स्थापना से संबंधित भूमि का चिन्हीकरण होना शेष है वे 3 दिन की अवधि के भीतर लैंड का चिन्हीकरण कर अवगत कराएं। उन्होंने भूमि के चिन्हीकरण के लिए संबंधित नगर निगम और नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लैंड चिन्हीकरण में संबंधित उप जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए तत्काल भूमि का चयन करवाएं तथा भूमि के चयन के दौरान पशुधन के ट्रांसपोर्ट, विद्युत की पहुंच, पानी की उपलब्धता तथा नेटवर्क कनेक्टिविटी इत्यादि बातों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने साइट की लोकेशन का चयन गंभीरतापूर्वक और सावधानी से करने के निर्देश दिए तथा 3 दिन के भीतर भूमि का चयन कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। पशुधन में होने वाली लंपी रोग के नियंत्रण के संबंध में जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों और पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि किस_ किस क्षेत्र में लंपी रोग की बीमारी हो रही है इसकी जानकारी लें तथा जिस क्षेत्र में अधिक मात्रा में पशु बीमारी से ग्रस्त है वहां पर व्यापक वैक्सीनेशन करवाएं। वैक्सीनेशन के लिए विभिन्न विभागों के स्थानीय कार्मिकों का भी सहयोग लें तथा सभी संबंधित उप जिलाधिकारी वैक्सीनेशन तथा लंपी रोग के नियंत्रण की दैनिक रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि जहां पर पशुधन लंपी रोग से ग्रसित हैं वहां पर रोग नियंत्रण से संबंधित गाइडलाइन का लोगों के बीच प्रचार प्रसार करें तथा इस बीमारी के नियंत्रण से संबंधित कंट्रोल रूम से जरूरी जानकारियों का आदान प्रदान करना भी सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निराश्रित गोवंश के गौशाला की स्थापना तथा लंपि रोग के नियंत्रण के लिए मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए इसकी अपने स्तर पर समीक्षा करने तथा आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान एनआईसी सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डी एस बिष्ट उपस्थित रहे तथा विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित उप जिलाधिकारी तथा नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े हुए थे।