गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल : आज 13/5/2023 काे श्रीनगर में बाबा हरदेव सिंह जी महाराज प्रेम, करूणा, दया और सादगी के जीवंत स्वरूप थे। उनका दिव्य रूप, सर्वप्रिय स्वभाव एवं विशाल अलौकिक सोच सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याणार्थ समर्पित थी। उन्होंने मिशन की बागडौर 36 वर्षो तक सम्भाली और उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि मिशन 17 देशों से चलकर विश्व के प्रत्येक महाद्वीप के 60 राष्ट्रों तक पहुंचा जिसमें राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर संत समागम, युवा सम्मेलन एवं समाज सेवाओं का आयोजन प्रमुख रहा। उनके अमूल्य योगदान के फलस्वरूप मिशन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति के साथ-साथ अनेक पुरस्कारों द्वारा भी सम्मानित किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निरंकारी मिशन को सामाजिक एवं आर्थिक परिषद के सलाहकार रूप में भी मान्यता प्राप्त हुई।
यह उद्गगार संत निरंकारी सत्संग भवन के तत्वावधान में भोगपुर से पधारे ज्ञान प्रचारक महात्मा तेज सिंह भण्डारी ने फरमाए।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा जी ने मानव मात्र को केवल ब्रह्मज्ञान का ही बोध नहीं करवाया अपितु जन-जन के हृदय में प्रेम की शीतल, निर्मल धारा को भी प्रवाहित किया।बाबा जी ने समाज के उत्थान हेतु अनेक परियोजनाओं को भी क्रियान्वित स्वरूप दिया जिनमें रक्तदान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, महिला सशक्तिकरण इत्यादि गतिविधियां प्रमुख है।
‘नफरत की दीवारों को गिराकर प्रेम के पुलों का निर्माण करें’ इस तथ्य को विश्व के समक्ष जीवन्त रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने एक नया दृष्टिकोण रखा कि प्रत्येक रेखा जो दो राज्यों या देशों को विभाजित करती है, वास्तव में वह उन राज्यों और देशों को मिलाने वाली रेखा होती है। बाबा जी की अनगिनत सिखलाईयां जैसे ‘मानवता ही धर्म है’, “आपसी भाईचारा“ (यूनिवर्सल ब्रदरहुड) “विश्वबंधुत्व”, “मिलवर्तन”, “एकत्व में सद्भाव”, “दीवार रहित संसार”, “धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं“ इत्यादि सुंदर भावों को समूचे संसार में विस्तारित किया।
हरिलाल शाह, ब्रांच संयोजक, कुलानंद पोखरियाल ज्ञान प्रचारक, नरेंद्र सिंह नेगी, जितेंद्र सिंह रावत, पंकज सती, आनंद सिंह भंडारी, डॉ0 सुधीर जोशी,
उर्मिला देवी, आदि लोग उपस्थित थे।