रुड़की।उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि सुबे में मदरसों की सुरक्षा और आधुनिकीकरण कर मॉडर्न मदरसों की स्थापना करना,मुस्लिम वर्ग के लोगों को हमेशा लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।एक कार्यक्रम में आये शादाब शम्स ने कहा कि हमारा प्रयास है कि मदरसों से जो छात्र पढ़ कर निकले वो हाफिज ए कुरान के साथ-साथ डिग्री भी लेकर निकले,ताकि देश व विदेशों में अच्छी नोकरियों के हकदार भी बन सकें।उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित हो रहे मदरसों की उच्च स्तरीय जांच कराई जा रही है,जिससे घबराने की जरूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि जो मदरसे वास्तविक रूप में है और उत्तराखंड मदरसा बोर्ड तथा वक्फ बोर्ड में दर्ज है उनको सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कृत संकल्प है।शादाब शम्स ने कहा कि राज्य सरकार की जानकारी में आया है कि कुछ मदरसों को संचालित करने वाले दान जकात,फितरा,सदका के रूप में चंदा एकत्रित करते हैं और फिर उस चंदे से मदरसे के नाम पर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति कर रहे हैं,जबकि यह पैसा उनका निजी नहीं है,बल्कि मुसलमानों द्वारा यह धन अल्लाह के नाम पर गरीबों,यतीमों और बेसहारा लोगों की मदद तथा शिक्षा के लिए दिया जाता है।उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस धन का दुरुपयोग कर गैर तरीके से मदरसे संचालित कर रहे हैं और उन मदरसों में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों की कमेटी तक भी बना ली है।जांच में यह भी पता चला है कि कुछ मदरसे वक्फ बोर्ड में दर्ज हैं,लेकिन उनका संचालन निजी रूप से किया जा रहा है,जोकि पूरी तरह से गलत है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकतर उलेमा हजरात इस बारे में बातचीत में बताते हैं कि इसमें शरीयत के मुताबिक उनका साथ देने के लिए तैयार है,क्योंकि इन फर्जी मदरसों की वजह से असली मदरसे भी परेशानी झेल रहे हैं।शादाब शम्स ने कहा कि सरकार द्वारा सभी मदरसों को चिन्हित सत्यापन कराकर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड,वक्फ बोर्ड में पंजीकृत कराया जाएगा और इनको दीनी तालीम तथा आधुनिक शिक्षा का केंद्र बनाया जाएगा,जिससे कि हम लोगों को इसका लाभ मिले।उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मदरसों की जमीन और भवन को कोई अपनी निजी संपत्ति को अपनी निजी संपत्ति बनाकर खुर्दबुर्द ना कर सके,साथ ही उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सबको साथ लेकर सबका विकास क्या जा रहा है।