देवभूमि उत्तराखंड की बस एक ही पुकार परिसीमन भौगोलिक आधार पर ही करें सरकार – लाल सिंह बिष्ट

गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल

श्रीनगर गढ़वाल :- वन यूके टीम, सामाजिक संगठन उत्तराखंड के अध्यक्ष लाल सिंह बिष्ट ने उत्तराखंड सरकार तथा परिसीमन आयोग से मांग की है कि उत्तराखंडमें 2026 में परिसीमन क्षेत्रफल/ भौगोलिक आधार पर होना चाहिए। क्योंकि यदि परिसीमन जनसंख्या के आधार पर होता है तो हमारे पहाड़ी क्षेत्र की जनसंख्या पलायन के कारण बहुत कम हो गई है जिसके कारण उत्तराखंड पहाड़ी क्षेत्र की विधान सभा सीटें कम होकर मैदानी क्षेत्र में चली जायेंगी फल स्वरूप बजट भी कम हो जायेगा और पहाड़ी क्षेत्रों का विकास कार्य नही हो पायेंगे।उम्मीद करते हैं कि उत्तराखंड सरकार तथा परिसीमन आयोग,उत्तराखंड राज्य में 2026 में होने वाले परिसीमन उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश की जनता के हित में भौगोलिक आधार पर ही कराएगी। ताकि वहाँ का समुचित विकास हो सके और उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश सशक्त व खुशहाल बन सके ।
“वन यूके टीम ,सामाजिक संगठन” की प्रमुख माँगे निम्नलिखित रूप से हैं।
1), उत्तराखंड में एक परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले जैसे सिक्किम राज्य में मिलती है।
2), मूल निवास आधार वर्ष 1950 किया जाए और केवल इसके आधार पर ही सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में 80% आरक्षण केवल उत्तराखंडी मूल निवासियों को मिले। ताकि रोजगार की वजह से वहाँ से पलायन ना हो पाये।
3), हिमांचल प्रदेश जैसा सख्त भू-कानू उत्तराखंड में भी लागू हो जहाँ अन्य राज्यों से आये व्यक्ति केवल लीज पर ही भूमि ले सकें और भूमि पर अधिकार केवल 1950 के मूल निवासियों का ही हो।
4), उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को न्याय दिलाने हेतु न्याय हमारा हक मुहिम में अपनी भूमिका निभाएं।
5), उत्तराखंड में 2026 में परिसीमन भौगोलिक आधार पर होना चाहिए, जनसंख्या आधार पर नही। ताकि पहाड़ी क्षेत्रों की विधानसभा सीट कम नही हो पायें,इस मुहीम में बढ़ चढ़ कर भाग लें। यदि पहाड़ी क्षेत्रों की सीटें फिर से कम हो जाती हैं तो यहाँ के लिए बजट कम हो जायेगा जिसके कारण विकास कार्य नही हो पायेंगे। जैसे कि पिछले परिसीमन में जनसँख्या के आधार पर परिसीमन होने पर पहाड़ी विधानसभा क्षेत्रों की सीटें कम होकर मैदानी क्षेत्रों में हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर की विधानसभा में परिवर्तित होकर चली गई थी क्योंकि वहाँ की जनसंख्या ज्यादा थी,और वर्तमान समय में पहाड़ क्षेत्रों की जनसंख्या पलायन के कारण बहुत कम हो गई है व मैदानी क्षेत्रों की जन संख्या बहुत ज्यादा बढ गई हैं। इसी वजह से हम हमारे उत्तराखंड की जनता परिसीमन क्षेत्रफल के आधार चाहती है।
आओ मिलकर आवाज उठाएं ,अपने आने वाली पीढ़ियों और युवाओं की खुशहाली के लिए उत्तराखंड को एक उन्नत, समृद्ध , सशक्त व खुशहाल राज्य बनाने में व अपनी संस्कृति, जल जंगल, जमीन को बचाए रखने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर एक उत्तराखंड टीम, सामाजिक संगठन की इस मुहीम में बढ चढ़कर भाग लें और मुहीम को सफल बनायें।
जागो उत्तराखंडियों जागो।अभी नहीं तो कभी नहीं। लाल सिंह बिष्ट अध्यक्ष वन यूके टीम
सामाजिक संगठन, उत्तराखण्ड