विकसित भारत की नींव बनेगी उन्नत कृषि: प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत पर कहा – खेतों तक पहुंचे विज्ञान, किसानों को मिले नई तकनीक की ताक़त
हरिशंकर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ करते हुए देश भर के किसानों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “भारत की कृषि को विकसित भारत की आधारशिला बनना चाहिए।” उनके संबोधन में एक ओर जहां वैज्ञानिक अनुसंधान को खेतों तक पहुंचाने की बात थी, वहीं दूसरी ओर किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुआयामी योजनाओं का खाका भी सामने आया।
700 जिलों में 2000 वैज्ञानिक दल करेंगे खेतों का दौरा
प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले 12 से 15 दिनों में वैज्ञानिकों, अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों से मिलकर बने 2000 दल, देश के 700 से अधिक जिलों में गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क करेंगे। इन दलों का उद्देश्य है – खरीफ सीजन शुरू होने से पहले किसानों तक सही समय पर आधुनिक कृषि तकनीकों और मौसम संबंधित डेटा पहुंचाना। प्रधानमंत्री ने इन दलों में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें राष्ट्र सेवा का दूत बताया।
राज्यों को कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान
श्री मोदी ने कहा कि भले ही कृषि परंपरागत रूप से राज्य का विषय रहा हो, लेकिन तेजी से बदलते समय में इसमें राष्ट्रीय दृष्टिकोण जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन कर दिखाया है, अनाज के भंडार भरे हैं, लेकिन अब उपभोक्ता की प्राथमिकताएं और बाजार की मांग भी बदली है। इसलिए जरूरी है कि कृषि में मूलभूत सुधार, वैज्ञानिक आधार और तकनीकी अपनापन को तेज किया जाए।
‘प्रयोगशाला से खेत तक’ का मंत्र
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों के काम की सराहना करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि इन शोधों का लाभ केवल संस्थानों तक सीमित न रह जाए, बल्कि हर किसान की जमीन तक पहुंचे। उन्होंने कहा, “विकसित कृषि संकल्प अभियान इस ज्ञान के अंतर को पाटने का एक सुनहरा अवसर है।” इससे किसानों को न केवल बेहतर उत्पादन मिलेगा बल्कि उनकी लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा।
भारत को बनाना है वैश्विक खाद्य आपूर्तिकर्ता
प्रधानमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि अब भारत को न केवल अपनी खाद्य जरूरतें पूरी करनी हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी एक भरोसेमंद खाद्य आपूर्तिकर्ता बनना है। इसके लिए खेती में जल संरक्षण, जैविक तरीकों का इस्तेमाल, आधुनिक बीज, मौसम की जानकारी और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग अत्यंत आवश्यक है।
फसलों के साथ आय के अन्य स्रोतों पर भी ज़ोर
प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई वैकल्पिक उपायों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि:
-
खेतों की सीमाओं पर सोलर पैनल लगाकर किसान अतिरिक्त आमदनी पा सकते हैं।
-
मीठी क्रांति के तहत मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
-
श्री अन्न (मोटे अनाज) की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है।
-
गोबरधन योजना से दूध न देने वाले मवेशी भी अब आर्थिक रूप से उपयोगी हो गए हैं।
-
कृषि अवशेषों को ऊर्जा में बदलने की दिशा में भी काम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों को केवल फसल उत्पादन तक सीमित न रखकर उन्हें उद्यमिता की ओर भी ले जाया जाए।
अभियान में दिखे राष्ट्रीय सेवा की भावना: मोदी
प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों और अधिकारियों को विशेष संदेश देते हुए कहा कि “आपका काम केवल नौकरी तक सीमित नहीं रहना चाहिए, यह राष्ट्रीय सेवा की तरह होना चाहिए।” उन्होंने आग्रह किया कि किसानों के सवालों का गंभीरता से जवाब दें और उनके सुझावों को भी दर्ज करें।
विकसित कृषि, विकसित भारत की पहली सीढ़ी
श्री मोदी ने कहा कि भारत के विकास का मार्ग तभी स्थायी और समावेशी बन सकता है जब उसकी कृषि मजबूत हो। उन्होंने कहा, “विकसित कृषि संकल्प अभियान किसानों के लिए प्रगति के नए रास्ते खोलेगा और कृषि के आधुनिकीकरण को गति देगा।”
उन्होंने सभी जिलों, राज्यों, वैज्ञानिकों, कृषक समूहों और स्वयंसेवी संगठनों से इस अभियान को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री की 5 प्रमुख बातें
-
वैज्ञानिकों के 2000 दल खेतों में जाकर किसानों को करेंगे जागरूक
-
खेती में आधुनिक तकनीक, जल संरक्षण और कम रसायन का उपयोग ज़रूरी
-
किसानों के लिए आय के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा
-
कृषि को वैश्विक खाद्य आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना लक्ष्य
-
सरकारी प्रयासों में दिखे देश सेवा की भावना
समापन में प्रधानमंत्री की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह किसानों के जीवन में ठोस और सकारात्मक बदलाव लाने का एक मिशन है। “जितना अधिक किसान इस अभियान से जुड़ेंगे, उतना ही मजबूत होगा विकसित भारत का सपना।”