ऋषिकेश- उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी जी के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023, गंगा रिसॉर्ट ऋषिकेश में दिनांक 1 से 7 मार्च तक सक्रियता के साथ नाड़ी परीक्षण रोग विज्ञान मर्म चिकित्सा योग इत्यादि के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा स्वास्थ्य कैंप आयोजित किया गया। कार्यक्रम के विश्वविद्यालय स्तर पर नोडल ऑफिसर संजय गुप्ता, उप कुलसचिव रहे। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर के समन्वयक डॉ राजीव कुरेले ने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा प्रथम बार यह पहल की गई है। जिसमें विश्वविद्यालय के हरिद्वार स्थित प्राचीनतम कैंपस ऋषि कुल एवं गुरुकुल परिसर तथा मुख्य परिसर हर्रावाला के वरिष्ठ एवं सिद्धहस्त आयुर्वेदिक विशेषज्ञों, योग विशेषज्ञ, फार्मासिस्ट, बीएएमएस के इंटर छात्र-छात्राएं एवं पीजी के शोधार्थी विद्यार्थियों की टीम तारा कार्यक्रम में सक्रियता से प्रतिभाग किया गया। जिसमें ७ दिनों मैं निरंतर प्रातः आयुर्वेदिक नाड़ी परीक्षण एवं प्रकृति निर्धारण विशेषज्ञ डॉक्टरों – डॉ जया काला, डा० शशि कांत तिवारी, डा० जसप्रीत सौंधी , मर्म चिकित्सा-डॉ विपिन चंद्र, डा० अर्चना सिंह, योग एवं स्वास्थ्यवृत विभाग- डॉ एस पी सिंह, डॉ प्रियंका शर्मा, डा०अंकित कुमार, ज्ञान प्रकाश, दिलराज प्रीत कौर, नेहा नंदा, रोग विज्ञान एवं काय चिकित्सा विभाग-डॉ दिनेश गोयल, डा० जया काला, डा० शशि कान्त तिवारी, डा० श्वेता शुक्ला डॉ० रूप श्री, डॉ आदेश, डॉ पुनमलता भारती औषधि वितरण का प्रबंधन फार्मासिस्ट-विवेक तिवारी, रश्मि बहुगुणा, मीनाक्षी, सहायक अमित आदि के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन सैकड़ों से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए विश्वविद्यालय के सम्मानीय कुलसचिव प्रोफेसर अनूप गक्खड़ जी ने सभी प्रतिभागी टीम को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी एवं उनके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।इस कार्यक्रम के दौरान योग एवं आयुर्वेद विषय पर विभिन्न पर चर्चा सत्र भी किये गये जिसमें आयुर्वेद विषय पर चर्चा में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी जी , डॉक्टर संजीव देवधर, प्रोफेसर एच०एम० चंदोला ,डॉक्टर जेपी नौटियाल अध्यक्ष भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड ने भाग लिया इस सत्र का संचालन प्रसिद्ध स्वास्थ्य वार्ताकार साक्षी मंडवाल ने किया। जिसमें प्रोफेसर सुनील जोशी जी ने कहा है कि आयुर्वेद, पंचकर्म, योग एवं मर्म चिकित्सा एक प्राचीनतम स्वास्थ्य विज्ञान के सोपान हैं जिन सभी का युक्तियुक्त प्रयोग करके हम अपने जीवन को स्वस्थवृत्त, दिनचर्या रितुचर्या, रात्रिचर्या, स्वास्थ्यवर्धक आहार विहार, उत्तम सात्विक स्वास्थ्य वर्धक आहार एवं जीवन शैली के माध्यम से हम 100 वर्ष तक “जीवेम शरद: शतम्” सुख पूर्वक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। आज के जीवन शैली से संबंधित डिसऑर्डर, अर्थराइटिस, ज्वाइंट पेन सर्वाइकल पेन, मस्कुलर पेन, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में अत्यधिक लाभप्रद साबित हुआ है। उन्होंने विभिन्न व्याधियों से बचने के लिए तिल तेल नारियल तेल एवं सरसों के तेल के दैनिक जीवन में प्रयोग की विधि को भी बताया। प्रोफेसर एचएम चंदोला ने मानसिक व्याधियों के कारण एवं उनके निवारण में सत्वावजय चिकित्सा एवं विभिन्न औषधियों एवं रसायन के बारे में बताया। डॉक्टर जेपी नौटियाल जी ने टुडे की लाइफ में आयुर्वेद एवं योग के लाभ एवं स्वस्थ जीवन शैली कैसे अपनाएं इस विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला । योग योग पर आयोजित सत्र में दिलराज प्रीत कौर, स्वस्थ जीवन शैली पर डॉ मन्नत मारवाह आदि ने ज्ञान पर स्वास्थ्य चर्चा में प्रतिभाग किया।