देहरादून,उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी जी के निर्देशन में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में “सूर्य नमस्कार एवम नादयोग” विषय में राष्ट्रीय कार्यशाला की गई । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप संदीप गोयल के कहा आज मोदी के नेतृत्व में योग एवम आयुर्वेद का प्रचार विश्व में हो रहा है । मुख्यवक्ता के रूप में अंतरराष्ट्रीय नादयोग गुरु डॉ नवदीप जोशी ने युवाओं
को स्वास्थ्य देने के 11 मिनट सूर्य नमस्कार 11 मिनट नादयोग ध्यान का अभ्यास बताया एवं योग के चमत्कारिक परिणामों से अवगत कराया। योगगुरु नवदीप जोशी जी ने 1998 से नादयोग की साधना आरम्भ की । साधना द्वारा सूर्य उपासना के महत्व के बारे में ध्यान में अनुभव हुआ । तब से धीरे धीरे अभ्यास करते हुए आध्यत्मिक शक्ति का एहसास हुआ । फिर कोरोना काल में सूर्य विज्ञान एवम नादयोग की 250 से अधिक कार्यशाला जन मानस के स्वास्थ्य के लिए प्रारम्भ की । साथ ही प्रतिदिन 22 मिनट में 108 सूर्य नमस्कार का प्रयोगात्मक सत्र प्रत्येक भारतवासियों के लिए प्रारम्भ किया । इस क्रम को 365 दिनों तक लगातार करने से यह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ । अतः युवाओं को नैतिक जीवन , सात्विक गुण, व्याधि प्रतिरोधक क्षमता एवम वैचारिक बौद्धिकता को बढ़ाने के लिए अब स्वस्थ युवा -स्वस्थ भारत – सम्रद्ध भारत के लिए 108 विश्वविद्यालय/ संस्थान – 108 सूर्य नमस्कार अभियान का प्रारम्भ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मकर संक्रांति से प्रारम्भ हुआ । वक्ता के रूप में बनारस से आये योगाचार्य रितेश दुबे ने सूर्य नमस्कार के दार्शनिक एवम वैज्ञानिक पक्ष को बताया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो सुनील जोशी ने कहा आयुर्वेद के साथ नादयोग की महत्ता हमारे सभी के लिए बहुत आवश्यक है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ऋषिकुल परिसर हरिद्वार के परीक्षा निदेशक प्रोफेसर डी.सी. सिंह ने मंचासीन अतिथियों एवं अधिकारियों का अभिनंदन एवं स्वागत व्याख्यान दिया । कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सुबह 7:00 बजे से 9:00 बजे तक सामूहिक सूर्य नमस्कार, हास्य योग एवं ध्यान अभ्यास किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सुबह 9:30 बजे से 1:30 बजे तक मुख्य वक्ता डॉ नवदीप जोशी एवं योगाचार्य नितेश दुबे द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया एवं डॉ नवदीप जोशी द्वारा नाद योग का अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम के अंत में मौलिक संहिता एवं संस्कृत विभाग की प्रोफेसर डॉ सुमन मिश्रा ने योग की उपयोगिता विषय पर कविता प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की समाप्ति पर धन्यवाद ज्ञापन डॉ शोभित कुमार एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग ऋषिकुल परिसर द्वारा किया गया। अन्य वक्ताओं में सरिता पन्त, डॉ प्रिया पाण्डेय, डॉ सुनील , योगाचार्य प्रीतिश उपस्थित रहें। यह एक दिवसीय योग कार्यशाला उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी, कुलसचिव प्रोफेसर अनूप कुमारगक्खड़,उप कुलसचिव एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ संजय गुप्ता के मार्गदर्शन में किया गया।कार्यक्रम में प्रो.खेम चन्द्र शर्मा, डॉ. उषा शर्मा, डॉ. सीमा जोशी डॉ. सुमन मिश्रा, डॉ माधवी गोस्वामी,डॉ राजीव कुरेले, डॉ. शुचि मित्रा डॉ. वेद भूषण शर्मा, डॉ, एसपी सिंह, डॉ सौरभ, योगाचार्य अंकित, योगाचार्य दिलराज प्रीत कौर , डॉ अनुराग, डॉ प्रवेश कुमार, डॉ हेम प्रकाश, डॉ विमल,डॉ पंकज,आदि शिक्षकों ने एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्रावाला परिसर,कोएर, क्वाड्रा आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ शोभितकुमार वार्ष्णेय,डॉ प्रियंका, योगाचार्य डॉ ज्ञान प्रकाश ने किया । इस एक दिवसीय योग कार्यशाला में लगभग 500 लोगों ने प्रतिभाग किया।