शक्ति विद्या मन्दिर, प्ले स्कूल का शुभारम्भ

शक्ति विद्या मन्दिर, प्ले स्कूल का शुभारम्भ
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस पर सभी देशवासियों को शुभकामनायें
महिलाओं के लिये अगरबत्ती, मोमबत्ती, साबुन आदि का निशुल्क प्रशिक्षण
कन्या पूजन तो करें पर शक्ति की सेवा भी जरूरी
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 9 अप्रैल। परमार्थ निकेतन द्वारा त्रिवेणी घाट, बाजार में निशुल्क शक्ति विद्या मन्दिर प्ले स्कूल का शुभारम्भ किया। नवरात्रि के पावन अवसर पर शक्ति का पूजन तो करें पर शक्ति की सेवा भी करें इस भाव से मायाकुंड स्लम में शिक्षा और विकास हेतु परमार्थ निकेतन द्वारा त्रिवेणी घाट बाजार में आज महिलाओं के लिये प्रशिक्षण केन्द्र और छोटे नन्हे बच्चों के लिये शिक्षा के साथ संस्कार देने वाले शक्ति विद्या मन्दिर प्ले स्कूल का आज शुभारम्भ किया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष डा साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में आज अष्टमी तिथि के दिव्य अवसर पर महागौरी पूजन और हवन में विशेष आहुतियाँ समर्पित कर तिलक लगाकर कन्या पूजन किया तत्पश्चात दीप प्रज्वलित कर ‘शक्ति विद्या मन्दिर’ प्ले स्कूल का उद्घाटन किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि बच्चे शिक्षा प्राप्त करेंगे तो देश आगे बढ़ेगा। ’शक्ति है तो सृष्टि है और समृद्धि है। बिना नारी के घर केवल मकान होता है क्योंकि नारी ही उसे घर बनाती है। हम दुनिया को बदलने की बात करते हंै, दुनिया को बदलने के लिये बेटियों को शिक्षित करना उन्हें जीवन देना, महिलाओं में कौशल विकसित करना तथा महिलाओं को रोेजगार से जोड़ना बहुत ही जरूरी है। बच्चे शिक्षित हांेगे तो न केवल परिवार समृद्ध होगा बल्कि राष्ट्र भी उन्नति के शिखर को छुऐगा।

हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे, लिंग आधारित हिंसा और लिंग असमानता को समाप्त करने के लिये वर्तमान समय के सभ्य और सुंस्कृत समाज की सोच को बदलने की जरूरत है; बेटा तथा बेटी के बीच के अन्तर को दूर करने की आवश्यकता है।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। जब मातायें अशिक्षित रहेगी तो वे अपने बच्चों के लिए भी शिक्षा के मूल्य को पूरी तरह से नहीं समझ पायेगी। शिक्षित मातायें बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण बेहतर तरीके से कर सकती है इसलिये हम सभी को मिलकर स्वास्थ्य, शिक्षा और मौलिक जरूरतों के बीच बढ़ते अंतर को पाटने के लिये प्रयत्न करना होगा।

मायाकुंड स्लम, ऋषिकेश गंगा जी के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है। इस झुग्गी बस्ती में लगभग 50 से 100 परिवारों की आबादी है, जिनमें अधिकांश प्रवासी और अशिक्षित परिवार रहते हैं और आजीविका के नए अवसरों की तलाश में लगातार प्रवास करते रहते हैं, ऐसे में उनके बच्चे भी अपने माता-पिता के साथ प्रवास करते हैं और अक्सर उम्र के अनुकूल शैक्षिक अवसरों से चूक जाते हैं। साथ ही बच्चें गरीबी से उबरने के लिये अपने माता-पिता का समर्थन करने हेतु श्रम करने लग जाते हैं। बचपन की देखभाल, संतुलित पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं तक पहुंच बच्चों के सकारात्मक विकास की कुंजी है परन्तु उन जगहों पर जहाँ दो वक्त के भोजन के लिये भी संघर्ष करना होता है, ऐसे में बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पीछे रह जाता है। इस निरक्षरता के चक्र को तोड़ने के लिये शक्ति विद्या मन्दिर, परमार्थ निकेतन की अद्भुत पहल है।

मायाकुण्ड क्षेत्र की महिलाएँ जंगल में लकड़ियाँ इकट्ठा करने जाती हैं और उन्हें बेचकर अपनी आजीविका चलाती है। ऐसी परिस्थितियों में महिलाओं को कुशल और कौशल से युक्त बनाना आवश्यक हो जाता है ताकि वे अपना बेहतर और सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें, इसके लिए परमार्थ निकेतन द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण के अन्तर्गत मोमबत्ती, साबुन, अगरबत्ती, गुलाब जल, स्नान नमक, स्नान बाम, उबटन बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा।

शक्ति विद्या मन्दिर   मायाकुंड स्लम  के बच्चों के लिए शिक्षा के द्वार खोलने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये प्रशिक्षण देने की नवरात्रि के अवसर पर एक अद्भुत शुरूआत है।