*विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र द्वारा दिव्यांग जनों की योजनाओं में आएगी पारदर्शिता दिव्यांगजन होंगे और सशक्त दिव्यांगजन को मिलेगा सीधे लाभ।*
देहरादून, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून संचालक *मुनीशाभा सेवा सदन पुनर्वास संस्थान* सबसे ज्यादा विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र पंजीकरण कराने वाले विशिष्ट जनों को करेगी सम्मानित।
दिव्यांग जनों के संगठन तथा दिव्यांगजन अभिभावक एसोसिएशन के अतिरिक्त विशिष्ट जनों के साथ ऑनलाइन संगोष्ठी में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के पुनर्वास अधिकारी अनंत प्रकाश मेहरा ने बताया दिव्यांग जनो को बिना किसी परेशानी के अब सीधा लाभ मिलेगा। जिसके लिए सभी दिव्यांग जनों को विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र हेतु पंजीकरण नितांत आवश्यक है ।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक जिला देहरादून के लगभग 11000 पेंशनर में से मात्र 4500 दिव्यांगजन ही पंजीकृत हो पाए हैं जबकि अगस्त वर्ष 2022 तक यह प्रक्रिया पूर्ण की जानी है उन्होंने विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र के बारे में बताया कि भारत सरकार ने विशिष्ट दिव्यांग पहचान पत्र (यूडीआईडी) जिसके तहत देश भर के तमाम दिव्यांगों की आसानी से पहचान की जा सकेगी। जिसमें पहचान पत्र से दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता स्थिति सरकार के पास होगी जिससे भारत सरकार को भविष्य में बनाई जाने वाली योजनाओं में समस्याओं व परेशानी के अनुकूल रणनीति तैयार की जाएगी। इस पहचान पत्र के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड दिया जाएगा। जिसमें आईडी नंबर होगा। उस आईडी नंबर से दिव्यांगजन की संबंधित जानकारी जुटाई जा सकेगी ।
विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र में एक चिप लगी होगी और साथ में बारकोड भी चिन्हित होगा। अब आपको समाज कल्याण विभाग की पेंशन के आवेदन के लिए भी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड का होना जरूरी है। भविष्य में किसी भी सरकारी लाभ की प्राप्ति के लिए विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र होना अनिवार्य होगा। भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांगजन नागरिकों के लिए यह विशिष्ट पहचान पत्र जारी किया है जिसके द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा और समाज में उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। भारतीय संविधान के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकता है, सबको समान कानूनी अधिकार दिए गए हैं। यह विशिष्ट पहचान पत्र दिव्यांगजनों को सेवाएं प्रदान करने में पारदर्शिता लाएगा। जो व्यक्ति इस लाभ का हकदार है उस तक वह लाभ आसानी तक पहुंचेगा।
1) इस विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र में दिव्यांग व्यक्ति का पूरा विवरण होता है जिसे रीडर के साथ डिकोड किया जा सकता है।
2) दिव्यांगजनों को अब दिव्यांग पहचान पत्र आने के बाद से अपने दस्तावेज साथ ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
3) यूडीआईडी कार्ड पहचान में शामिल किया गया दस्तावेज है, जो आने वाले समय में कई सरकारी योजनाओं के लिए दिव्यांगों के सत्यापन में काम आएगा। इसके साथ अन्य किसी दस्तावेज पर से निर्भरता में कमी आएगी।
विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र के आवेदन हेतु आपके पास निम्न पात्रता व दस्तावेजों का होना अनिवार्य है।
·सर्वप्रथम भारत का नागरिक होना चाहिए।
· श्रवण बाधित,प्रमस्तिष्कीयपक्षाघात, कम दृष्टि,दृष्टिबाधित,कुष्ठ रोग से पीड़ित,मानसिक बीमारी, मानसिक मंदता, लोकोमोटर डिसेबिलिटी आदि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के अंतर्गत आने वाली सभी 21 दिव्यांगताओ में से किसी भी दिव्यांगता से पीड़ित व्यक्ति।
पंजीकरण हेतु आवश्यक दस्तावेज
·पासपोर्ट साइज फोटो
·पता प्रमाण आधार कार्ड
·विकलांगता प्रमाण पत्र (जिला स्वास्थ्य अधिकारी/ सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी होना चाहिए
· पहचान प्रमाण (आधार कार्ड , पैन कार्ड ,ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर और फार्म भर सकते हैं। फार्म पूछी गई सारी जानकारी ध्यान पूर्वक पढ़कर भरें और साथ में जो दस्तावेज मागे उसे फार्म के साथ सबमिट कर दें।
ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म डाउनलोड करें। उसके बाद प्रिंट फार्म पर ध्यान पूर्वक जानकारी भर कर। जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून को जमा कर दे। जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से निःशुल्क ऑनलाइन पंजीकरण द्वारा संपन्न कर रहा है इस हेतु जिला देहरादून के दिव्यांगजन जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र द्वारा दिए गए नंबर 89545 08145 पर संपर्क कर सकते हैं तथा व्हाट्सएप 8630761086 के माध्यम से अपनी सूचना उपलब्ध करा सकते हैं। अंत में उन्होंने समस्त सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों महाविद्यालयों के प्रधान अध्यापकों ग्राम प्रधानों पार्षदों समाज सेवकों स्वयंसेवी संस्थाओं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों तथा आशा कार्यकत्रियों को आह्वान किया कि उन के माध्यम से दिव्यांग जनों तक ज्यादा से ज्यादा सूचना प्रेषित की जाए तथा उनको जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र हेतु प्रक्रिया के लिए परामर्श दिया जाए।
इसके अतिरिक्त अंत में उन्होंने बताया कि जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून के संचालक संस्था मुनीशाभा सेवा सदन एवं पुनर्वास संस्थान आगामी 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर उन विशिष्ट जनों को पुरस्कृत करेगी जो ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग जनों को विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र बनवाने हेतु सहयोग करेगा यह एक प्रतियोगिता के रूप में होगी तथा इसका पूर्ण ब्यौरा संस्थान के पास रहेगा ।यह पुरस्कार प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार होगा जिसमें पुरस्कार राशि के अतिरिक्त प्रशस्ति पत्र मोमेंटो भी दिया जाएगा।
जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून की दिव्यांगजन पहचान पत्र समन्वयक निरुपमा सूद ने बताया जिन दिव्यांग जनों ने अभी तक भी विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र के लिए पंजीकरण नहीं कराया है उनमें विकासखंड डोईवाला रायपुर नगर क्षेत्र देहरादून ऋषिकेश एवं मसूरी ऑफलाइन प्रत्येक बुधवार को कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र की टीम द्वारा फार्म प्राप्त कर सकता है इसके अतिरिक्त प्रत्येक सोमवार को विकासखंड चकराता कालसी एवं विकास नगर के दिव्यांगजन हरबर्टपुर स्थित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून तथा प्रत्येक शनिवार को सहसपुर विकासखंड के दिव्यांगजन झाझरा स्थित विज्ञान धाम के सामने जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के उप कार्यालय पर यह फार्म प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तराखंड दिव्यांगजन सशक्तिकरण एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित डोभाल ने समस्त दिव्यांग जनों की ओर से विशेष दिव्यांगजन पहचान पत्र संबंधित समस्याओं को रखा तथा समाधान भी प्राप्त किया।
संगोष्ठी में उत्तराखंड डैफ वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं संदेशवाहक जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून उमेश ग्रोवर ने भारतीय सांकेतिक भाषा में सभी श्रवण बाधित जनों को उपरोक्त संदेश प्रेषित किया तथा श्रवण बाधित जनों को विशेष दिव्यांगजन पहचान पत्र बनाने के लिए प्रेरित किया।
चेशायर होम देहरादून संचालिका ममता गुप्ता, पहल एक आगाज दिव्यांग सेवा संस्थान से अफजल बेग, दिव्यांग जन सेवा समिति सहसपुर से फुरकान अहमद,दिव्यांगजन एक्टिविस्ट सचिन वडेहरा उत्तराखंड प्रदेश समन्वयक डी एच एफ,इंडिया एवं अपूर्व नौटियाल,पूजा नौटियाल, आरती जोशी, वीरेंद्र चौहान, शार्प मेमोरियल स्कूल फॉर द ब्लाइंड
संचालिका एनसी ,दिव्यांगजन अभिभावक अनीता सिंघल तथा पछवा दून दिव्यांगजन अभिभावक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सैनी,बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण संस्थान से धनंजय नोडियाल आदि 40 से अधिक दिव्यांग जनों ने जिला देहरादून के अतिरिक्त समस्त उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से भी विभिन्न दिव्यांग जनों ने तथा विभिन्न संस्थाओं के संचालकों ने संगोष्ठी में प्रतिभाग किया एवं अपने अपने सुझाव दिए।
सादर….
अनंत प्रकाश मेहरा
प्रबंधक- जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून उत्तराखंड