मतदान करनें वाली महिलाओं को निः शुल्क परामर्श: डा0सुजाता संजय

मतदान करनें वाली महिलाओं को निः शुल्क परामर्श: डा0सुजाता संजय

·         निःशुल्क: महिला मतदाताओं को तीन दिन निः शुल्क परामर्श

·         संजय मैटरनिटी सेन्टर द्वारा एक अनोखी पहल

·         लेकतंत्र में महिलाओं की विशेष भूमिका: डॉ0 सुजाता

संजय मैटरनिटी सेन्टर द्वारा उन महिलाओं को जिन्होनें चुनाव में अपना बहुमूल्य मतदान दिया हैं। उनके लिऐ तीन दिवसीय 14-16 फ़रवरी तक निःशुल्क परामर्श दिया जायेगा।

इसके लिए मरीज मतदाताओं को अपनी उंगली पर लगी अमिट स्याही दिखानी होगी। डॉ0 सुजाता संजय ने कहा कि राज्य  में अधिक से अधिक मतदान का प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए ही उन्होंने यह पहल की है। इन्होने वर्ष 2017 , 2019 और अब 2022 मतदान में भ्मरीजों के लिया निशुल्क परामर्श व 20 प्रतिशत की  छूट ऑपरेशन और दवाइओ पर दी जायेगी।

मतदाता किसी को वोट करें यह उनका विषय नहीं है, लेकिन मतदान जरूर करें सिर्फ यही जागरुकता फैलाना उनका उद्देश्य है। मतदान हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें इसे पूरा करना होगा। अपनी ताकत को हमें पहचानना होगा। यदि हम मतदान नहीं करते हैं तो हम सरकार की कमियों को भी बताने का अधिकार खो देते हैं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे राष्ट्र के विकास में अपना योगदान अवश्य दें और अन्य को भी जागरूक करें कि वह भी मतदान करें।

महिलाएं समाज की अभिन्न कडी है! देश के विकास में पुरूषों के समान बराबर की भागीदारी का निर्वहन कर रही हैं! इसलिए महिलाओं को लोकतंत्र में भी आगे आना होगा क्योंकि लोकतंत्र को मजबूत करनें में महिलाओं की अहम भूमिका है। यह तभी सम्भव है जब सभी महिलाएं अपनें मतों का प्रयोग करें।

डॉ0 सुजाता संजय ने बताया कि इस राज्य को चलाने में और बढ़ाने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही है तथा इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हमारी सेवा संस्था द्वारा महिलाओं को मतदान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह मूहिम चलायी गयी है। मतदान हमारा अधिकार है। इसे हमें सोच-समझकर देना चाहिए क्योंकि मतदान से ही एक कर्मष्ठ एवं झुझारू नेता चुना जा सकता है जो हमारे समाज एवं प्रदेश का चाहुमुखी विकास एवं नेतृत्व कर सके। जैसा कि मेरा मानना है कि एक स्वस्थ महिला ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकती है वैसे ही एक महिला अपना बहुमूल्य मतदान द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त एवं समृद्व राज्य का निर्माण में अपना योगदान दे सकती है।

मतदान के पूर्व महिलाओं को कुछ बिन्दुओं पर अवश्य सोचना चाहिए! पिछले 5 सालों में अपेक्षा के अनुरूप कुछ हुआ है? क्या किचन का बजट बिगड गया है ? क्या बच्चों को स्कूल में भेजना मुश्किल होता जा रहा है?क्या आपको शहर में कहीं अकेले जानें में डर लगनें लगा है? क्या आपकी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन आया है?

डॉ0 सुजाता संजय ने कहा कि भगवान भी उसी की मदद करते हैं, जो सवयं अपनी मदद करते हैं। मतदान हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें इसे पूरा करना होगा। अपनी ताकत को हमें पहचानना होगा। यदि हम मतदान नहीं करते हैं तो हम सरकार की कमियों को भी बताने का अधिकार खो देते हैं। राष्ट्र के विकास में अपना योगदान अवश्य दें और अन्य को भी जागरूक करें कि वह भी मतदान करें।