सीएम धामी और एमडी पीसी ध्यानी के कुशल नेतृत्व में पिटकुल ने अर्जित किया 141 करोड़ रुपये का लाभ
चंद्र प्रकाश बुडाकोटी
उत्तराखंड राज्य के ऊर्जा विभाग के तहत आने वाले तीन प्रमुख निगमों की कार्यप्रणाली के बारे में बात करें, तो यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जहां उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) और उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) लगातार घाटे में चल रहे हैं, वहीं पिटकुल (पेट्रोलियम, आयल, और गैस कंपनियों के लिए उत्तराखंड राज्य विद्युत ट्रांसमिशन निगम लिमिटेड) ने केवल दो वर्षों में अपनी वित्तीय स्थिति को पूरी तरह से सुधारते हुए 28 करोड़ से बढ़ाकर 141 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और पीसी ध्यानी के कुशल प्रबंधन का परिणाम है, जिन्होंने पिटकुल के कार्यों को सुदृढ़ किया और निगम को एक नई दिशा दी।
पिटकुल के उभरते हुए नए आयाम
उत्तराखंड में पिटकुल का नाम पहले घाटे में चलने वाले निगम के रूप में जाना जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में और एमडी पीसी ध्यानी के नेतृत्व में निगम ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यही नहीं, पिटकुल के कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों के निरंतर प्रयासों से ही यह निगम अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है।
पिटकुल की सफलता की कहानी बताती है कि जब सरकार और नेतृत्व में सामूहिक प्रयास हों तो किसी भी संकट से उबरा जा सकता है। दो साल पहले जब पिटकुल की कमान एमडी पीसी ध्यानी के हाथों में दी गई थी, तब उन्होंने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हुए निगम के प्रदर्शन में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका दृष्टिकोण और संगठनात्मक कौशल ने पिटकुल को एक नई पहचान दी, और निगम को वित्तीय लाभ में बढ़ोतरी हासिल हुई।
पिटकुल के वित्तीय लाभ और लाभांश
2022-23 और 2023-24 के वित्तीय वर्षों में पिटकुल ने क्रमशः ₹26.99 करोड़ और ₹141.67 करोड़ का लाभ अर्जित किया। यह न केवल निगम के लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि इसने राज्य सरकार को भी वित्तीय लाभ प्रदान किया है। वर्ष 2022-23 में पिटकुल ने सरकार को ₹5 करोड़ का लाभांश दिया था, और 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर ₹11 करोड़ तक पहुंच गया।
मुख्य रूप से पिटकुल के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और बेहतर प्रबंधन की वजह से यह सफलता संभव हुई। पिटकुल के निदेशक मंडल ने इन उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन राशि का ऐलान किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर्मचारियों को ₹4928 से लेकर ₹9855 तक की प्रोत्साहन राशि दी गई, और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए यह राशि ₹26,634 से लेकर ₹53,269 तक बढ़ाई गई। साथ ही, आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन राशि दी गई, जैसे कि उपनल, पीआरडी, और सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) के कर्मचारियों को ₹4000 और ₹10,000 की राशि दी गई।
पिटकुल के कार्यक्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण बदलाव
पिटकुल ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया और नई परियोजनाओं के लिए स्वीकृतियां प्राप्त कीं। हाल ही में पिटकुल को एडीबी द्वारा पांच परियोजनाओं और लाईनों की स्वीकृति मिली है, जिनमें गढ़वाल मंडल में 220 केवी जीआईएस उपसंस्थान सेलाकुई, 132 केवी जीआईएस उपसंस्थान आराघर, और कुमाऊं मंडल में 132 केवी जीआईएस उपसंस्थान धौलाखेड़ा, खटीमा एवं लोहाघाट शामिल हैं। इन परियोजनाओं के अनुबंध अब कार्यान्वित हो चुके हैं। पिटकुल को ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और उनकी संचालन में सफलता मिली है, जिससे राज्य की विद्युत आपूर्ति और वितरण व्यवस्था को मजबूती मिली है।
ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धि
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिये गए दिशा-निर्देशों और लगातार आयोजित की जा रही समीक्षा बैठकों के परिणामस्वरूप पिटकुल ने अपने ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता को 99.70 प्रतिशत तक पहुंचाया है। इसके अलावा, ट्रांसमिशन लॉस को 1 प्रतिशत तक कम किया गया है, जो राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
इस सफलता ने न केवल पिटकुल के कामकाजी माहौल को बेहतर किया, बल्कि यह राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है। पिटकुल को हाल ही में REC (Rural Electrification Corporation) द्वारा A+ की क्रेडिट रेटिंग दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप पिटकुल को ऋण लेने में 0.25 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इसका सीधा लाभ राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को टैरिफ में मिलने वाली छूट के रूप में हुआ है।
कर्मचारियों को मिले प्रोत्साहन और भत्ते
पिटकुल ने न केवल अपने वित्तीय लाभ में वृद्धि की है, बल्कि अपने कर्मचारियों के भत्तों और प्रोत्साहन राशि में भी वृद्धि की है। उपनल, पीआरडी, और सेल्फ हेल्प ग्रुप के कर्मचारियों को अब विशेष ऊर्जा भत्ते और रात्रि पाली भत्ते की दरों में वृद्धि की गई है। इसके अलावा, दीपावली के अवसर पर कर्मचारियों को ₹5000 की अनुग्रह राशि देने का भी निर्णय लिया गया।
पिटकुल में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। उन्हें ₹4000 से ₹10,000 तक की प्रोत्साहन राशि दी गई, जो उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को मान्यता देने के लिए है।
एजीएम और रिपोर्ट की समयबद्धता
पिटकुल ने अपने प्रशासनिक कार्यों को भी समयबद्ध तरीके से संचालित किया है। पिछले वर्ष की तरह, इस वर्ष भी पिटकुल ने 30 सितंबर से पहले अपनी एजीएम (Annual General Meeting) पूरी की और एआरआर (Annual Revenue Requirement) की रिपोर्ट समय पर सरकार को सौंप दी। इस समयबद्धता ने पिटकुल की कार्यकुशलता को साबित किया और यह दिखाया कि प्रबंधन प्रणाली कितनी मजबूत और व्यवस्थित है।
भविष्य की योजनाएं
पिटकुल की भविष्य की योजनाओं में प्रदेश में एक नई और अत्याधुनिक प्रांतीय भार निस्तारण केंद्र (SLDC) का निर्माण शामिल है। इस केंद्र का निर्माण राज्य में ग्रिड के कुशल संचालन के लिए किया जा रहा है। यह केंद्र ऊर्जा वितरण के कार्य को और भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।
निष्कर्ष
पिटकुल ने अपनी दो साल की यात्रा में एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और एमडी पीसी ध्यानी के नेतृत्व में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को जाता है। निगम के कर्मचारियों की मेहनत और उत्कृष्ट कार्यप्रणाली के परिणामस्वरूप पिटकुल ने वित्तीय लाभ और लाभांश में अभूतपूर्व वृद्धि की है। राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को लेकर पिटकुल के कुशल प्रबंधन के कारण आने वाले वर्षों में और भी विकास की संभावना दिखाई देती है।