देहरादून-उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने परियोजना के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। यह निरीक्षण राज्य की विकास योजनाओं के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से उत्तराखंड में परिवहन, पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे, एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर चला रहे हैं। इस एक्सप्रेस वे का उद्देश्य देहरादून और दिल्ली के बीच यात्रा के समय को कम करना, सड़कों के यातायात को सुगम बनाना और प्रदेश की आर्थिक प्रगति में सहायक बनना है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लाभों और इसके पूरा होने के बाद होने वाली परिवर्तनकारी घटनाओं का जिक्र किया और परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
1. परियोजना की आवश्यकता और उद्देश्य
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की योजना उत्तराखंड की आर्थिक और पर्यटन विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देहरादून और दिल्ली के बीच सड़क यात्रा में समय की अधिक खपत होती है, जो यात्री और व्यवसाय दोनों के लिए परेशानी का कारण बनती है। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद, दिल्ली से देहरादून की यात्रा मात्र दो से ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी, जबकि वर्तमान में यह यात्रा 5-6 घंटे लेती है। इससे न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि व्यापार और उद्योग के लिए भी एक नया रास्ता खुल सकेगा।
2. मुख्यमंत्री का निरीक्षण और पर्यावरणीय सुरक्षा
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक्सप्रेस वे का निर्माण इस प्रकार से होना चाहिए कि पर्यावरण की सुरक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण को ध्यान में रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि विकास कार्य और पर्यावरण संरक्षण दोनों एक साथ चलें। यही कारण है कि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में विशेष ध्यान दिया गया है कि इससे कोई नकारात्मक प्रभाव पर्यावरण और वन्यजीवों पर न पड़े।”
3. प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री का आभार
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का निर्माण परियोजना की मंजूरी प्राप्त करने में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री गडकरी की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के सुधार पर विशेष ध्यान दिया है। उनके मार्गदर्शन में यह परियोजना तेजी से पूरी हो रही है, जो प्रदेश की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।”
4. एक्सप्रेस वे के लाभ
इस एक्सप्रेस वे के पूरा होने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यह प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह एक्सप्रेस वे उत्तराखंड की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ेंगी।”
वहीं, मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस एक्सप्रेस वे का विशेष महत्व चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से भी है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के बाद, चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं को अधिक सुगम यात्रा मिल सकेगी, जिससे यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को एक नई सुविधा मिलेगी। अब उन्हें यात्रा में अधिक समय नहीं लगाना पड़ेगा, जिससे उनकी यात्रा सरल और आरामदायक हो सकेगी।”
5. वाइल्डलाइफ कॉरिडोर और पर्यावरणीय पहल
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसे पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के संरक्षण के संदर्भ में एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर तैयार किया गया है। यह कॉरिडोर वन्यजीवों की सुरक्षा और उनकी स्वतंत्र आवाजाही को सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ विकास नहीं है, बल्कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से वन्यजीवों का कोई नुकसान न हो। हम पर्यावरण और आर्थिक विकास के बीच एक संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह वाइल्डलाइफ कॉरिडोर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी स्वाभाविक आवाजाही जारी रख सकेंगे। इस पहल से न केवल वन्यजीवों का संरक्षण होगा, बल्कि यह उत्तराखंड की जैव विविधता को भी बढ़ावा देगा।”
6. राज्य सरकार की भूमिका और विकास की दिशा
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और कार्यशैली पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और हर संभव कदम उठा रही है ताकि उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति और बुनियादी ढांचे में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड सरकार विकास के नए रास्ते खोलने में सक्षम है और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का निर्माण इसका एक उदाहरण है। हम उत्तराखंड में हर क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए कार्यरत हैं।”
7. परियोजना की सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे केवल सड़क निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सशक्त बनाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य के व्यापार और पर्यटन उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
इस परियोजना से उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पर्यटन स्थल जुड़ेंगे, और स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, यह एक्सप्रेस वे उत्तराखंड को देश के अन्य हिस्सों से और अधिक जोड़ने में मदद करेगा, जिससे राज्य के भीतर और बाहर व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
8. समापन
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना के जरिए उत्तराखंड के विकास में न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा, और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।
इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से देहरादून और दिल्ली के बीच यात्रा समय में कमी आएगी, जिससे व्यापार, पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, इस परियोजना से उत्तराखंड में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का निर्माण राज्य की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले वर्षों में यह उत्तराखंड के लिए एक प्रमुख विकास परियोजना के रूप में स्थापित होगा।