धार्मिक पर्यटन राज्य के प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर का इंजन है: विनोद सुयाल

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। देवभूमि उत्तराखंड अपने धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं के लिए विश्व में विख्यात है। उत्तराखंड के चारधामों में से उत्तराखंड के चारधाम यमुनोत्री धाम,गंगोत्री धाम,केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ हिंदू परंपराओं में विशेष महत्व रखते हैं। भारत के चारधामों में से सबसे ऊंचाई पर नैसर्गिक हिमालय के बीच में स्थित श्री बद्रीनाथ स्थित है जो कि अपनी अनादि काल से चली आ रही हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। विनोद सुयाल ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड एक विशिष्ट स्थान रखता है। पर्यटन राज्य के प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर के रूप में चिन्हित है जिसके अन्तर्गत धार्मिक पर्यटन के प्रमुख है।

उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हिन्दुओं के प्रमुख चारधाम धर्मस्थल मौजूद हैं। विनोद सुयाल ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को हिन्दुओं के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में गिना जाता है एवं अनेक पवित्र मंदिरों के कारण यह प्रसिद्ध है। यहां पर बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री और यमुनोत्री चार ऐसे तीर्थस्थल हैं, जो यहां सदियों पहले से हैं। बद्रीनाथ चार धामों में से एक है और सबसे पवित्र स्थलों में से है। केदारनाथ भी बद्रीनाथ जितना ही पवित्र और दर्शनीय स्थल है। यहां प्राचीन शिव मंदिर है, जहां 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक शिवलिंग विराजमान हैं।

गंगोत्री धरती का वह स्थान है,जिसे माना जाता है कि गंगा का सबसे पहले धरती पर आगमन हुआ था। यमुनोत्री यमुना नदी का स्रोत है और इसके पश्चिम में पवित्र मंदिर है। हरिद्वार गंगा नदी के तट पर स्थित है एवं यह हिन्दुओं का प्राचीन तीर्थस्थल है। ऋषिकेश सभी पवित्र स्थानों के लिये प्रवेश द्वार माना जाता है। विनोद सुयाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के लगभग हर कोने में किसी न किसी देवता या देवी का मन्दिर है। इस राज्य में भारत के सबसे प्रमुख धार्मिक नगरों में से एक हरिद्वार में प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते है। प्रदेश में अनेक महत्वपूर्ण यात्राओं, जिनमें से नन्दादेवी राजजात तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं, का आयोजन भी किया जाता है। विनोद सियाल ने इस बार की चार धाम की यात्रा की चर्चा करते हुए बताया कि अब तक इस उत्तराखंड स्थित पवित्र चारधाम यात्रा जोरों पर है. देशभर के श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन कर रहे हैं। श्रद्धालुओं में चारधाम यात्रा को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। चारधाम यात्रा शुरू होने के पहले 50 दिनों में करीब 30 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं।

इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस साल चार धाम यात्रा में नया रिकॉर्ड कायम होगा। पिछले साल चारधाम यात्रा में 56 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे और इस साल यह आंकड़ा इससे काफी ज्यादा जा सकता है। वहीं पिछले साल 68 दिनों में चारधाम यात्रा में 30 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। पिछले साल चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। और उत्तराखंड की मान्यताओं को और बल दिया है दूसरी और जिस प्रकार से श्री राहुल गांधी ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को देश पहुंचा है वह उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम में दर्शन किए हैं। सुगम,सुरक्षित व निर्बाध चारधाम यात्रा के संचालन को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार पहले से ही प्रयासरत है। विनोद सुयाल ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि अध्यात्मिक चेतना की भूमि पर मेरा जन्म हुआ है। इन दिनों बद्रीनाथ की पावन नगरी में आने का मौका बार-बार मिलता है।

इस धरती से मेरा विशेष नाता भी रहा है। इसलिए आने का मन कर जाता है। अब केदारनाथ और बद्रीनाथ में पुनर्निर्माण और मास्टर प्लान के तहत काम हो रहा है और मैं अपेक्षा करता हूं कि लोग सिंगापुर और दुबई जाने के अलावा चारधाम तथा भारत के अन्य जगहों पर भी जा रहे क्योंकि अपने देश में भी देखने लायक काफी कुछ है। भारतीय संस्कृति में योग का बहुत महत्व है आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऋषिकेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कनवेंशन सेंटर बनाया है। ऋषिकेश की पहचान ‘योगा केपिटल’ के साथ ही ‘केपिटल ऑफ एडवेंचर टूरिज्म’ के तौर पर भी स्थापित हो चुकी है। विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम देश का पहला आध्यात्मिक ईको जोन बनाया जा रहा है। वर्तमान में चल रहे चारधाम ऑल वेदर रोड व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से उत्तराखण्ड के पर्यटन व आर्थिकी में क्रांतिकारी परिवर्तन की संभावना है। उत्तराखण्ड राज्य में हिन्दुओं के ही धर्मस्थल नहीं अपितु अन्य धर्मों के भी महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थल मौजूद है। यहां पर सिख धर्म के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुण्ड साहिब,नानकमत्ता व मीठा-रीठा साहिब मौजूद हैं।