प्रदीप कुमार
रूद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस पर जागरूकता गोष्ठियों का आयोजन किया गया। वहीं,स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लक्षित समुदायक के मध्य पहुंच कर सिकल सेल उन्मूलन के लिए जरूरी व्यवहार अपनाने के लिए जागरूक किया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.विमल सिंह गुसाईं ने बताया कि सिकल सेल जागरूकता दिवस पर जनपद के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसके तहत लक्षित जनजाती आबादी वाले गांवों में विशेष अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा डुंगर, सेलमा कौंथा व अन्य गांवों में सिकल सेल रोग विज्ञान,सिकल सेल रोग के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे एनिमिया,दर्द,अंग क्षति,गर्भावस्था की जटिलताएं, सिकल सेल जांच व निदान की जानकारी देते हुए आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सिकल सेल को लेकर सेवाओं की जानकारी दी व सिकल सेल से जुड़े विभिन्न तथ्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
जनपद के जनजाति बाहुल्य विकासखंड ऊखीमठ स्थिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. गोपाल सजवाण ने बताया कि जनजाति आबादी में इस बीमारी के होने की आशंका अधिक रहती है। जिसके दृष्टिगत सिकल सेल रोग उन्मूलन मिशन के अंतर्गत जनजाती आबादी वाले जनपद के गांव पठाली,डुंगर,सेमला,कैंथा में शून्य से चालीस आयु वर्ग के सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें कोई भी व्यक्ति सिकल सेल रेग से पीड़ित नहीं पाया गया। बताया कि जनजाति गांवों में निवास कर रहे जनजाति परिवारों के निकटवर्ती निवास कर रहे लोगों की भी जांच की गई,जो सभी स्वस्थ पाएं गए।मुख्य संदर्भव्यक्ति डा.आकाश दरमोड़ा ने सिकल सेल रोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।कहा कि सिकल सेल लाल रक्त कोशिकाओं के विरूपण से होने वाला एक रोग है,जो अनुवांशिक बीमारी है। सिकल सेल रोग से लाल रक्त कोशिका का आकार अर्द्ध चंद्र या हंसिया जैसा हो जाता है। एनिमिया यानी खून की कमी, आंखों में पीलेपन के साथ-साथ बदन में तेज दर्द,कोहनी व घटनो में सूजन,बार-बार बुखार आना सिकल सेल के लक्षण हैं। इस अवसर पर व्यापार संघ के अध्यक्ष डा.राजीव भट्ट,काउंसलर आरकेएसके विपिन सेमवाल,आरबीएसके मैनेजर सुमन,एनटीईपी डीपीसी मुकेश बगवाड़ी,समाज कल्याण विभाग से एकता आदि मौजूद।वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि,जखोली में भी संगोष्ठी का आयोजन कर जनमानस को जागरूक किया गया।