एनईपी 2020 में बहुविषयी शिक्षा है सर्वतोमुखी उन्नति हेतु महत्त्वपूर्ण: प्रो.इंदु पाण्डेय खंडूड़ी

 

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। यूजीसी मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग केंद्र हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल,उत्तराखंड द्वारा अप्रैल माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया प्रारंभ:अनेक राज्यों के शिक्षक और शोधार्थी लेंगे प्रशिक्षण।
भारत सरकार द्वारा लागू की गई दूरदर्शी नई शिक्षा नीति के विभिन्न पक्षों पर केंद्रित पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय,श्रीनगर गढ़वाल,उत्तराखंड के मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर द्वारा 22अप्रैल, 2024 से प्रारंभ हुआ है। जिसमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत 7 राज्यों के शिक्षक और शोधरत शोधार्थी प्रतिभाग कर प्रशिक्षण लेंगे। ये राज्य हैं-उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश,पंजाब,महाराष्ट्र,उड़ीसा, राजस्थान और नई दिल्ली। इस अवसर पर यू जी सी पोर्टल के माध्यम से 45 प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया।
इस अवसर पर केंद्र की निदेशक प्रोफेसर इंदु पांडेय खंडूड़ी ने बताया कि एन ई पी 2020 के अंतर्गत बहुविषयी शिक्षा सर्वतोमुखी उन्नति हेतु महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में निरंतर देश के अनेक राज्यों के शिक्षक और शोधार्थी बड़ी संख्या में प्रतिभाग कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा लागू नई शिक्षा नीति बहुविषयी शिक्षा से परिपूर्ण है और सर्वांगीण उन्नति में सहयोगी है। इस दृष्टि से मालवीय सेंटर द्वारा नई शिक्षा नीति पर केंद्रित ये प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत उपयोगी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रसन्नता है कि हमारे केंद्र से अनेक राज्यों के शिक्षक और शोधार्थी प्रतिभागी ऑनलाइन लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान कार्यक्रम ‘एन ई पी 2020 ओरियंटेशन एंड सेंसटाइजेशन प्रोग्राम’ के शीर्षक से आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत इंडियन नॉलेज सिस्टम,एकेडमिक लीडरशिप गवर्नेंस एंड मैनेजमेंट,स्किल डेवलपमेंट स्टूडेंट डायवर्सिटी एंड इन्क्लूसिव एजुकेशन,इनफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन,रिसर्च एंड डेवलपमेंट,हायर एजुकेशन एंड सोसायटी तथा हॉलिस्टिक एंड मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन जैसे विविध पक्षों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक दिन सायं 3 से 6 बजे तक ऑनलाइन दो सत्र होते हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर देकर उनका मूल्यांकन भी किया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं के फलस्वरूप निरंतर उपस्थित प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रमाण पत्र केंद्र द्वारा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार शिक्षक और शोधार्थी इस केंद्र के माध्यम से नवीन ऊर्जा और नवाचारी गतिविधियों से संयुक्त होंगे।
सत्रों का संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ.राहुल कुंवर सिंह,डॉ.सोमेश थपलियाल तथा प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव डॉ.कविता भट्ट ने किया और डॉ.अनुराग ने सहयोग किया।
संयोजन कार्य में पूनम रावत और अनिल कठैत ने सक्रिय भूमिका निभाई।