* प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भारतीय मानकों को पाठ्यक्रम के अभिन्न अंग के रूप में शामिल करने और प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ बीआईएस की भागीदारी को संस्थागत बनाने की दिशा में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना करता है। इस एमओयू में दोनों पक्ष द्वारा समानता और पारस्परिकता के आधार पर मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्रों में विविध सहयोगात्मक गतिविधियों को विकसित करने की परिकल्पना की गयी है।
बीआईएस के निदेशक सुधीर विश्नोई ने एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर व्याख्यान देते हुए कहा कि प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों और बीआईएस के बीच समझौता ज्ञापन अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने,मानकीकरण प्रक्रिया के क्षेत्र में युवा दिमागों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और संयुक्त रूप से सेमिनार,सम्मेलन,कार्यशाला, संगोष्ठी या व्याख्यान, प्रशिक्षण और अल्पकालिक शिक्षा कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा मानक तैयार करने की गतिविधियों को मजबूती देगा और आगे बढ़ाएगा। उन्होंने मौजूदा मानकों के अनुपालन के साथ नए मानकों के निर्माण में अकादमिक संस्थानों में स्टार्ट-अप और इनक्यूबेशन केंद्रों के साथ जुड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी नवाचार और मानकों के विकास का सहज जुड़ाव प्रौद्योगिकी-उन्मुख उत्पादों और सेवाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रत्याशित है।
इस अवसर पर प्रोफेसर विवेक श्रीवास्तव (डीन इंटरनेशनल अफेयर्स,एनआईटी),डॉ.सनत अग्रवाल (डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी,एनआईटी),वेद प्रकश (बीआईएस) एवं एनआईटी और भारतीय मानक ब्यूरो के अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।