श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का चतुर्थ दिवस*

* गबर सिंह भण्डारी।

देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। आज प्रेमनगर के स्मिथ नगर क्षेत्र में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस के प्रसंग में व्यास पीठासीन आचार्य पंडित बृजमोहन डिमरी का कथन है कि मनु कन्या प्रसूति का विवाह राजा दक्ष से हुआ था। उन्होंने 16 कन्याओं को जन्म दिया उनमें से एक सती नाम की कन्या का विवाह भगवान शिव से किया गया।

एक दिन प्रजापतियों के यज्ञ सम्मेलन में दक्ष ने भरी सभा में भगवान शिव का अपमान किया,यह जामाता है, इसने मुझे प्रणाम नहीं किया शिव ने हृदय से वंदन किया,लेकिन अभिमानी दक्ष नहीं समझ पाया,तत्पश्चात दोनों पक्षों में शापा शापी हुई, इसके बाद दक्ष का द्धैष भगवान शिव से प्रतिदिन बढ़ने लगा।
प्रजापति बनने पर दक्ष ने हरिद्वार कनखल क्षेत्र में वृहस्पतिसव यज्ञ का शुभारंभ किया।
देव ऋषि,पितर सभी अपने धमिणियों सहित यज्ञ में सम्मिलित हुए।
द्धैष होने के कारण दक्ष ने भगवान शिव सती को इस यज्ञ में निमंत्रण नहीं दिया।
आकाश विमान से देवाग्नाओं को सती जब जाते हुए देखा तब पति शिव से आग्रह किया। शिव भोले हे भद्रे बिना निमंत्रण का द्वैष रखने वाले चाहे अपना ही घर का क्यों ना हो वहा जाना भी अनुकूल नहीं है।
शिव के मानने पर भी सती विवश होकर पिता के घर चली गई।
यज्ञ शाला में पति शिव का यज्ञ भाग देखकर स्वयं को कोसती हुई योगाग्नि में समाहित हो गई।
आचार्य डिमरी ने कहा कि शब्दों में द्वेष युक्त बुद्धि दूसरों को कष्ट तो देती है लेकिन स्वयं का तो सर्वनाश हो जाता है।
इस कथा के आयोजकों ने अपने पितरों की तृप्ति हेतु श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ करने वाले मुख्य यजमान प्रताप सिंह बिष्ट,राधा बिष्ट,खड़क सिंह बिष्ट, भागीरथी देवी द्वारा सभी कथा प्रेमियों को प्रसाद वितरण करवाया।
श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य आचार्य पंडित शशि मोहन थपलियाल,यजमान के कुल पुरोहित रमेश चंद्र मिश्र,पंडित चंद्र मोहन थपलियाल,पंडित हरीश ममगाई,पंडित आनंद पालीवाल,पंडित भास्कर गैरोला, अनिल काला,दिनेश नौटियाल, रितेश चमोली,आदि यजमानों में हरिकृष्ण बिष्ट,सुनैना देवी,उदय सिंह बिष्ट,महेंद्र सिंह रावत,पुष्पा देवी,विश्वंभरी देवी,धीरज बुटोला, नंदन सिंह बिष्ट,कुन्दन सिंह मेहरा,राजकमल बिष्ट,पूजा बिष्ट, कर्ण सिंह बिष्ट,अशोक रावत, दीपिका रावत,अंजू पंवार,कमल रावत,पुष्कर सिंह रौथाण,अनीता देवी रौथाण,विजय सिंह भंडारी,खेम सिंह,नमिता रावत, नीलम रावत,राहुल सिंह बिष्ट, आदि लोगों ने कथा श्रवण किया।