कविराज नीरज नैथानी द्वारा लिखित पुस्तक “हिमालय में पथारोहण” का विमोचन के साथ ही परिचर्चा विमर्श कार्यक्रम आयोजित हुआ*

* प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद् श्रीनगर गढ़वाल,समय साक्ष्य प्रकाशन देहरादून तथा नव सृजन संस्था रुड़की के संयुक्त तत्वावधान में शगुन रेस्टोरेंट के सभागार में आयोजित साहित्यिक समारोह में नीरज नैथानी लिखित पुस्तक “हिमालय में पथारोहण” पर विस्तृत परिचर्चा की गयी। मुख्य अतिथि प्रो.राम विनय सिंह विभागाध्यक्ष संस्कृत डीवीएस कालेज देहरादून ने पुस्तक तथा लेखक के संदर्भ में विस्तार से विचार प्रकट किए। डॉ.राजेश जैन ने हिमालयी पथों पर संचालित विभिन्न पथारोहण अभियानों से जुड़े संस्मरण साझा किए।नव सृजन संस्था रुड़की के वरिष्ठ संरक्षक क्वांटम विश्व विद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस.के.पुण्डीर सरित ने नीरज नैथानी की पुस्तक के महत्वपूर्ण संदर्भों को स्पष्ट किया। इस अवसर पर चयनित कवियों द्वारा काव्य पाठ भी किया गया। रुड़की के नौजवान शायर पंकज त्यागी असीम ने बेहतरीन शायर सुनाकर शाम को रंगीन कर दिया। रुड़की से पधारीं अलका घनशाला ने एक से बढ़कर एक सुंदर गीत प्रस्तुत किये। नवीन शरण निश्चल,अनुपमा गुप्ता ने भी मनभावन कविताएं सुनाईं। विमल बहुगुणा ने गढ़वाली लोक गीत का प्रभावशाली गायन किया। मंच संचालन प्रसिद्ध कवि जयकृष्ण पैन्यूली ने किया। आयोजन में संस्था अध्यक्ष प्रो.उमा मैठाणी,आर.पी.कपरवाण, प्रोफेसर सम्पूर्ण सिंह रावत,महेश गिरि,श्रीकोट गंगानाली व्यापार सभा अध्यक्ष नरेश नौटियाल,पौड़ी व्यापार उद्योग सभा के अध्यक्ष वासुदेव कंडारी,पूर्व सभासद संजय फौजी,स्वामी अनिल थपलियाल,शिक्षक संघ के प्रांतीय सचिव शिव सिंह नेगी, डॉ.अजय पाल सिंह नेगी,प्रो आशुतोष गुप्ता,देवेन्द्र उनियाल,महेश गिरी,हेम चन्द्र ममगाईं,बृजमोहन मेवाड़,के.पी.काला,अजय चौधरी,विजय मंद्रवाल,हेमन्त उनियाल,मदन लाल डंगवाल,कृष्णा नंद मैठाणी,राकेश मोहन कंडारी,डॉ.चंद्र प्रकाश,जगदीप नेगी,संतोष पोखरियाल,मुकेश काला,प्रवेश चमोली,संदीप रावत आदि उपस्थित थे।