प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। श्रीक्षेत्र श्रीनगर में पारम्परिक बैठके होली का आगाज फागुन के रंग पहाड़ों पर बिखरने शुरू हो गये हैं। सांस्कृतिक नगरी श्रीनगर में रविवार से बैठके होली का शुभारंभ किया गया। प्रसिद्ध नाट्य संस्था शैलनेट ने कटकेश्वर महादेव (घसिया महादेव) मंदिर से पारंपरिक बैठकी होली का आगाज किया।
उतराखण्ड में होली की बैठकों की शुरूआत बसंत पंचमी से करने की परंपरा रही है। इसमें हर आयु वर्ग के लोग उल्लास के साथ शामिल होकर होली के पारंपरिक गीत गाते हैं। श्रीनगर के पौराणिक शिव मन्दिर कटकेश्वर महादेव (घसिया महादेव) में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ बैठकी होली का शुभारंभ किया गया। पंडित अभिषेक बहुगुणा,महंत महेश गिरि,रमेश गिरि,विनीत गिरि तथा नागेश्वर मंदिर महंत नितिन पुरी ने परम्परा के अनुसार पूजा-अर्चना व रूद्राभिषेक कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। महंत महेश गिरि ने सभी होल्यारों का टीका लगाकर स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत रंगकर्मी वीरेंद्र रतूड़ी ने गणेश वंदना जय गणपति वंदन गणनायक से की। उभरती लोक गायिका वसुधा गौतम ने ऐगै फागुन मैना खेला होली,मोहन गिरधारी,शिवजी की जटा से छोड़ी,डाॅ.सुभाष पाण्डेय ने हरि फुलू से मथुरा छाई रही,झुकी आयो शहर में व्योपारी,हेमन्त उनियाल ने नहीं आये बलम कहां अटके,अंकित भट्ट ने रंगला यो फूल कै देब सोभालो आदि गीतों से रंगों के उत्सव में उल्लास भर दिया। प्रसिद्ध शायर जयकृष्ण पैन्यूली ने अपने चिर परिचित अंदाज में देर शाम आयोजन में चार चांद लगा दिये। इसके अतिरिक्त रंगकर्मी मदन लाल डंगवाल,गणेश बलूनी,उमेश गोस्वामी,प्राची कंडवाल,सुरभि सिंह,विकेश बाजपेयी,शेखर नेगी,सौमिल असवाल,रोनिका,शिवम यादव आदि ने भी होली के गीतों का गायन किया।
कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंधक हरविंदर सिंह ‘लक्की,वरिष्ठ पत्रकार गंगा असनोडा थपलियाल,अरविंद नेगी,शंकर कैन्थोला, वरिष्ठ भाजपा नेता लखपत सिंह भण्डारी,नागेंद्र कलूड़ा,बलवंत असवाल,विपिन गौतम,संजय पाण्डेय,राॅबिन असवाल,पुष्पा,मंजू,गीता,सुलेखा,नीलम,आरती,आदि मौजूद थे।