राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में पांच दिवसीय बांस-रिंगाल हस्तशिल्प विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

प्रदीप कुमार

अगस्त्यमुनि/श्रीनगर गढ़वाल। अनुसूया प्रसाद बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग में वन विभाग द्वारा बांस एवं रिंगाल आधारित हस्तशिल्प विकास प्रशिक्षण पंच दिवसीय कार्यक्रम का समापन किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम महाविद्यालय के करियर काउंसलिंग सेल के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.दिलीप सिंह के संबोधन से प्रारंभ हुआ उन्होंने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व को बताते हुए प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीण वासियों को शुभकामनाएं दी। वन विभाग के एसडीओ देवेंद्र सिंह पुंडीर ने इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए स्वदेशी वस्तुओं के महत्व को बताया। वन विभाग के एफआरओ यशवंत चौहान ने भी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं और ग्रामीण वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार की हस्तशिल्प कलाओं को हमें प्रोत्साहन देना चाहिए। करियर काउंसिल सेल की संयोजक डॉ.पूनम भूषण ने इस प्रकार के कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए भविष्य में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम करियर काउंसलिंग सेल द्वारा आयोजित करवाये जाएंगे इस विषय में कहा। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य आयोजक रमेश खत्री द्वारा प्रशिक्षक सुरेंद्र बन्डवाल वीरेंद्र बन्डवाल तथा दरमानी बन्डवाल द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं को बांस तथा रिंगाल आदि से निर्मित टोकरी, फूलदान,सूप,पेन स्टैंड,हाथ का पंखा आदि विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को बनाना सिखाया गया, जिसमें प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ नियमित रूप से प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर करियर काउंसलिंग सेल के सदस्य डॉ.मनीषा सिंह,डॉ.तनुजा मौर्य,डॉ.कनिका बड़वाल,डॉ.दीपाली रतूड़ी,डॉ.गिरिजा प्रसाद रतूड़ी,डॉ.अरविंद सजवान,शर्मिला देवी,वन विभाग के अन्य वनाधिकारी, महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.एल.डी.गार्ग्य,अन्य वनाधिकारी,छात्र संघ अध्यक्ष नितिन नेगी,विश्वविद्यालय प्रतिनिधि भानु चमोला एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।