प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय को वर्षो बाद यूरोलॉजी चिकित्सा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए जल्द ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में प्रोफेसर की तैनाती होने जा रही है। इसके साथ ही डॉक्टरों की कमी झेल रहे नेत्र रोग विभाग में भी प्रोफेसर के साथ ही एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की तैनाती होगी। धीरे धीरे सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की भी नियुक्ति होने जा रही है। स्थाई चिकित्सकों की तैनाती होने से मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सेवा पहले से और बेहतर हो गई है ।
प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की पहल पर श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के अपग्रेडेशन से संस्थान में संकाय सदस्यों के योगदान को लेकर रूचि बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्री के सतत प्रयासों से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकीय सेवाओं के संसाधनों के साथ ही चिकित्सकों की तैनाती बढ़ रही है। जिससे आज चार जिलों के मरीजों को बेस चिकित्सालय में बेहतर सेवाएं मिलनी शुरु हुई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि बेस चिकित्सालय में जल्द यूरोलॉजी चिकित्सा की सुविधा भी मरीजो को मिलने जा रही है। कहा कि वरिष्ठ प्रोफेसर चिकित्सक की तैनाती होने से मूत्र रोग संबंधित उपचार मिलना शुरू हो जायेगा। इससे चार पर्वतीय जिलों के मरीजों को बडी राहत मिलेगी। इसके साथ ही नेत्र रोग विभाग मे लम्बे समय से प्रोफेसर की आवश्यकता थी,जिसमें जल्द तैनाती होने जा रही है। नेत्र रोग विभाग में प्रोफेसर के साथ ही एसो.प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की भी तैनाती हो रही है। जो नेत्र रोगियों के लिए चिकित्सा सेवा में अच्छी पहल होगी।
नेत्र रोग विभाग लगा पायेगा कैंप-
बेस चिकित्सालय के नेत्र विभाग में फैकल्टी की कमी होने के कारण समुदाय भ्रमण संबंधी आउटरीच ऑपरेशन कैम्प अभियान नहीं हो पा रहे थे। फैकल्टी नियुक्त होने से नेत्र रोग संबंधी जागरूकता अभियान जन समुदाय में बढ़ेगे ही साथ ही पीजी (एमएस) करने वाले छात्र-छात्राओं को भी आउटरीच कैम्प में ऑपरेशन स्किल का लाभ मिलेगा और साथ ही साथ चार जिलों के नेत्र रोगियों को बहुत लाभ मिलेगा।
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में बेसिक बायोमेडिकल मैथड: स्टेटिसटिकल सॉफ्टवेयर पर दो दिवसीय कार्यशाला गुरुवार से 23 फरवरी तक तक आयोजित होगी। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत ने बताया कि उक्त कार्यशाला में देश के जाने-माने प्रतिष्ठित विशेषज्ञों उक्त मैथड पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उक्त प्रशिक्षण में मेडिकल कॉलेज के सभी पीजी ( एमडी,एमएस,डीएनबी डिग्री) छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्य प्रतिभाग करेगे।