प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। निरन्तर प्रेरणा दायिनी साहित्य सृजन तथा भावी पीढ़ी को नशा से दूर रहने के लिए विभिन्न गतिविधियों को आयोजित करने वाले वरिष्ठ हिन्दी अध्यापक के पद पर राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी में कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला साहित्य रत्न 2024 की सम्मानोपाधि से अलंकृत हुए। उन्हें यह सम्मान नव प्रज्ञा काब्य फाउन्डेशन द्वारा दिया। विदित हो नव प्रज्ञा काब्य फाउन्डेशन हर बर्ष शिक्षा,साहित्य तथा संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करने का कार्य करते हैं। इस बर्ष की प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड से साहित्य रत्न की उपाधि से विभूषित होने का गौरव चमोला को प्राप्त हुआ। बताते चलें कि शिक्षक चमोला समाज सेवा,साहित्य सृजन,भावी पीढ़ी के सफल मार्ग दर्शन के लिए 27 वर्षों से अनुकरणीय तथा अनूठी मुहिम चलाने का कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा लिखे प्रेरक प्रसंग दर्जनों राष्ट्रीय संकलनों में प्रकाशित हो चुके हैं। भारतीय संस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम,शैक्षिक नवाचार एवं क्रियात्मक शोध,नैतिक बोध कथायें नामक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। नगर पालिका परिषद श्रीनगर गढ़वाल द्वारा प्रकाशित स्मारिका बैकुण्ठ चतुर्दशी विकास प्रदर्शनी में सम्पादक की भूमिका का भी निर्वहन किया है। अपने विद्यार्थी जीवन में कला निष्णात में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से स्वर्ण पदक भी प्राप्त कर चुके हैं। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा रत्न,शिक्षा शिल्पी,शिक्षक रत्न,शिक्षक विशेषज्ञ,शिक्षक साहित्यकार सम्मान,मुख्यमन्त्री सम्मान,राज्यपाल पुरस्कार सम्मान,जिलाधिकारी रजत प्लेट,अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक सम्मान,विद्या बाचस्पति,साहित्य बाचस्पति,साहित्य महोपाध्याय आदि पुरस्कारों से सम्मानित होने के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में 500 से अधिक सम्मानोपाधियों से भी सम्मानित हो चुके हैं। शिक्षक चमोला मूल रुप से जनपद रुद्रप्रयाग के ग्राम कौशलपुर के मूल निवासी है। ज्योतिष के क्षेत्र में भी ज्योतिष महर्षि,ज्योतिष समाधान शिरोमणि,ज्योतिष रत्न,ज्योतिष भारत रत्न,डाक्टर ऑफ ऐस्ट्रलाॅजी,ज्योतिष सम्मान,उत्तराखण्ड विभूति आदि उपाधियों से भी विभूषित हैं। बडी महत्वपूर्ण विशेषता इनकी यह है कि आम जनमानस की भी समस्या का निशुल्क समाधान करते हैं।