* प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। माध्यमिक कक्षाओं के बच्चों को अपने राज्य उत्तराखंड की संस्कृति, समाज, भाषा, सामाजिक व सांस्कृतिक परम्पराओं के साथ-साथ राज्य के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों व दिवंगत राज्य आन्दोलनकारियों के योगदान से परिचित कराने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा पर निर्मित की जा रही हमारी विरासत एवं हमारी विभूतियां पुस्तक लेखन की दस दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए संयुक्त निदेशक आशा पैन्यूली ने लेखक शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक कक्षा के बच्चों के मनोविज्ञान व बौद्धिक स्तर को ध्यान में रखते पुस्तक के पाठों में हिन्दी के सहज व सरल शब्द रखे जांय।
लेखन मण्डल के संयोजक डॉ. नंदकिशोर हटवाल ने कहा कि कक्षा के बढ़ते क्रम के साथ भाषाशैली का क्रमोत्तर परिमार्जन आवश्यक होगा।
कार्यशाला का संचालन करते हुए एस सी ई आर टी के प्रवक्ता सुनील भट्ट ने कहा कि इससे पूर्व की कार्यशाला में तय ऐजेण्डे के अनुसार ही पुस्तकों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है । कार्यक्रम के सह संयोजक एससीईआरटी के प्रवक्ता गोपाल घुघुतियाल ने कहा कि पुस्तकों में समाहित पाठों के चयन में यह कोशिश की गई है कि सभी जनपदों व वर्गों, महिला-पुरुषों को प्रतिनिधित्व मिले । कार्यशाला में पद्मेन्द्र सकलानी
संयुक्त निदेशक महानिदेशालय, राकेश जुगरान
प्राचार्य डायट देहरादून, हरीश नौगाईं खण्ड शिक्षा अधिकारी कनालीछीना (पिथौरागढ़) ने भी अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में चयनित लेखक मण्डल के सदस्य और कला शिक्षक शिरकत कर रहे हैं ।