सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी शराब की खाली बोतल पव्वे का अंबार*

 

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर शहर के सार्वजनिक सुलभ शौचालय गंदगी से सटे पड़े हैं शौचालय लोगों के लिए शराब गटकने की जगह बने हुए हैं। नगर के बीचों बीच बद्रीनाथ हाइवे के पास सार्वजनिक पेशाबघर जीएमओ पेट्रोल पंप ऋषिकेश बस अड्डे के पास शौचालय में पड़े शराब की खाली बोतल पव्वे इसकी बानगी हैं। श्रीनगर शहर की स्वच्छता पर प्रश्न चिन्ह लगते हुए दिख रहे हैं शहर की स्वच्छता और सौंदर्य करण के लिए सुलभ शौचालय काफी महत्वपूर्ण स्थान है। शौचालयों की समुचित व्यवस्था न होने का असर शहर की सफाई पर भी पड़ती है। शहर के अंदर जो शौचालय बने हुए हैं लेकिन लोग इनका उपयोग मदिरा पीकर मस्त रहने वालों द्वारा इन शौचायलयों में गंदगी कर, मदिरा का रसपान करके खाली बोतल वहां फेंक देते हैं, नगर क्षेत्र के शौचालयों में गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। यद्यपि सरकार स्वच्छता के नाम पर पानी की तरह पैसा बहा रही है,परन्तु धरातल पर स्थिति इसके ठीक उलट बनी है। निगम के कर्मचारियों की लापरवाही और इनकी देखरेख नहीं होने से शराबियों को शौचालयों में शराब पीने से रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में इस बार सार्वजनिक शौचालय स्वच्छता रैंकिंग गिरने का कारण हो सकते हैं। जगह जगह शौचालयों में खाली पव्वों की भरमार लगी पड़ी है।


नगर निगम श्रीनगर के अन्तर्गत चाहे बद्रीनाथ हाइवे पर स्टेशन के समीप बना शौचालय हो या पीपल चौंरी वाला शौचालय हो या फिर नगर निगम श्रीनगर के तहत अन्य शौचालय,इन सभी शौचालयों में पानी की कमी के चलते यहां का वातावरण भी दुर्गंधमय बना है। यहां बने सभी शौचालयों में शराब के खाली पव्वों की भरमार ही अक्सर राहगीरों को दिखाई देती है। स्थानीय व्यवसायों ने बताया कि शौचालयों की नियमित सफाई न होने के कारण बाजार आने वाले लोगों, दुकानदारों व रेहड़ी वालों समेत अन्य लोगों के लिए ये शौचालय परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनमें पानी का प्रबंध नहीं होने के चलते सफाई व्यवस्था चौपट है। जिस कारण शहर की स्वच्छता अभियान पर बट्टा लग रहा है। वहीं नगर निगम के लाखों रुपये की लागत से निर्मित शौचालय शराबियों के अड्डे बने हुए हैं। नगर के व्यवसायियों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन व्यापारियों से टैक्स वसूली तो करता है,पर सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर कुछ नहीं दिखायी देता है। उन्होंने नगर निगम प्रशासन से शरीर की स्वच्छता बनाए रखने के लिए कारगर कदम उठाने की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं क्या कहना है कि इस प्रमुख समस्या पर जन जागृति अभियान चलना चाहिए हम सब का परम कर्तव्य है कि इस प्रकार के नशेड़ियों से शहर को स्वच्छ रखा जाए।