प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। “निषिद्ध चाकरी भीख निदान” की उक्ति को चरितार्थ करते हुए जिला परियोजना अधिकारी का पद ठुकरा कर अपना कार्य प्रारंभ करने वाले शशि भूषण देवली से पूरे उत्तराखंड के नवयुवकों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
उपरोक्त विचार उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने शिमला बायपास रोड भुद्दी चौक पर शशि भूषण देवली के शोरूम मंगलम मार्ट का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए, उन्होंने कहा कि वास्तविक प्रतिभा से संपन्न नवयुवकों को मन मार कर किसी की व्यक्तिगत खुशामद कर नौकरी करने के बजाय अपने धंधे को बढ़ावा देना चाहिए जिससे स्वयं के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार दिया जा सके।
शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ.घिल्डियाल ने कहा कि “साविद्या या विमुक्तये” विद्या वही है ,जो व्यक्ति को बंधन से मुक्त करें ना कि बंधन में डाले परन्तु दुर्भाग्यवश आजकल के नवयुवक गैर लोगों के बंधन में रहकर विदेश में भी नौकरी करने को अपनी शान समझ रहे हैं, जबकि वास्तव में शान तो अपने देश, अपने प्रदेश और अपने मुल्क में रहकर अपना कार्य करने में है,और इसका आदर्श प्रस्तुत किया है शशि भूषण ने जिन्होंने जिला स्तर की नौकरी छोड़कर अपना बहुत अच्छा कारोबार प्रारंभ किया है।
शशि भूषण को उनके जन्मदिन पर आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड ज्योतिष रत्न ने उनके शोरूम के अंदर ही ज्योतिष कार्यालय का भी उद्घाटन किया, जिसमें शशि भूषण के पिता रुद्रप्रयाग संस्कृत महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ.भानु प्रकाश देवली रोज लोगों का मार्गदर्शन करेंगे।
शोरूम में निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल के सपरिवार पहुंचने पर विद्वानों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने स्वस्तिवाचन एवं पुष्प वर्षा करते हुए उन्हें अंग वस्त्र एवं पुष्प मालाएं भेंट कर भव्य स्वागत किया। इस मौके पर देहरादून के पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुधा देवली, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवप्रसाद देवली, ग्राम प्रधान माला गुरूंग, भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष एवं पंचायत सदस्य सावित्री पुरोहित, शिक्षाविद आरती,समर्थ घिल्डियाल, अस्मिता, सहित शहर की गणमान्य हस्तियां उपस्थित रही।