उत्तराखंड के चारधाम ही चार मठ–आचार्य ममगाईं

प्रदीप कुमार

जखोली/श्रीनगर गढ़वाल। चारधाम विकास परिषद के पूर्व राज्यमंत्री एवं संस्कृति संरक्षण समिति के प्रदेश संयोजक आचार्य पंडित शिव प्रसाद ममगांई ने कहा है कि हमारी देवभूमि उत्तराखंड के चारधाम ही चार मठ हैं और वहां के पुरोहित वहां के शंकराचार्य हैं। उन्होंने कहा है कि यह प्रथा सतयुग से चली आ रही है और यही बात हमारे आदिगुरु शंकराचार्य ने भी सुव्यवस्थित की हैं। ‌ उन्होंने कहा है कि आज हमारी सरकारें उन्हीं परंपराओं को लेकर चलती हैं, जिसमें खर्साली,यमुनोत्री, खुसीमठ और मुखवा,गंगोत्री,मुखीमठ और पंचकेदार गद्दी स्थल उषा प्रण्यस्थली उखीमठ केदार क्षेत्र में और ज्योतिर्मठ इन मठों की व्यवस्थाएं पीढ़ियों से परंपरागत रूप से वहीं के पुरोहित चलाए आ रहे हैं और साथ ही यहां के धार्मिक निर्णय भी वह स्वयं लेते हैं। आचार्य ममगांई ने कहा है कि मेरी दृष्टि में वहां की व्यवस्थाओं के बारे में किसी बाहरी व्यक्ति को सलाह देने से बचना चाहिए। पूर्व राज्यमंत्री और वर्तमान भाजपा के प्रदेश संस्कृति संयोजक आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने दूरभाष पर पत्रकारों से कहा कि यमुनोत्री व गंगोत्री शीतकालीन यात्रा के बाद तथाकथित किसी संत के द्वारा कही गई बात पर हमारी सरकार और हमारे प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी पहले ही सजग हैं और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी इन धामों के प्रतिनिधि पदों पर प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने कहा है कि इस सम्बन्ध में किसी को भी अनर्गल बातें करने की आवश्यकता नही है। उन्होंने कहा कि मैंने तात्कालिक सरकार व मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की सलाह से स्थानीय पुरोहितों की राय से उन्हीं के साथ मिलकर शीतकालीन यात्रा खोलने के लिए हरी झंडी यमुनोत्री और गंगोत्री में दिखा दी थी और मंदिर के अन्दर की सुचारू रूप से व्यवस्था वहीं के पुरोहितों से करवाने की सलाह दी थी। और बाहर की व्यवस्था के लिए हमारी सरकार और हमारे मुख्यमंत्री सहित प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट,बद्रीकेदार मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय समय समय पर इसके लिए व्यवस्थाओं में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा है कि अब मुख्यमंत्री से यमुनोत्री व गंगोत्री का खुसीमठ और मुखिमठ के लिए अधिसूचना जारी करने का निवेदन कर दिया जायेगा, जिसमें चारधाम हकहकुकधारियों के महामंत्री हरीश डिमरी से भी इस संबद्ध में बात कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जैसे जोशीमठ से ज्योर्तिमठ की अधिसूचना जारी हुई है,उसी तरह खुसीमठ और मुखीमठ की भी अधिसूचना जारी होनी चाहिए। आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने कहा है कि हमारी सरकार और हमारा भाजपा संगठन तीर्थयात्राओं के लिए उनकी व्यवस्था और यात्रियों को अतिथि देवो भव की तर्ज पर सत्कार और सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। कहा कि इसके सरकार,संगठन और पुरोहितों के अलावा ओर किसी को अनर्गल बातों से बचना चाहिए।