प्रदीप कुमार
ऋषिकेश/श्रीनगर गढ़वाल।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में एमडी की परीक्षा के दौरान महिला चिकित्सक के तिलक लगाकर आने से उनके साथ हुए दुर्व्यवहार का सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने संज्ञान लिया है, वह कल (आज) इस संदर्भ में ऐम्स निदेशक से मुलाकात करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संदर्भ में कुछ हिंदू संगठनों के द्वारा शिकायत किए जाने एवं समाचार पत्रों में छपे समाचारों का संज्ञान लेते हुए सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने तिलक लगाकर आने से महिला चिकित्सक डॉक्टर शालिनी मिश्रा के साथ हुए दुर्व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि माथे पर तिलक किसी पंथ अथवा जाति की तरफ इशारा नहीं करता है, बल्कि यह सनातन धर्म की परंपरा है, इस पर टिप्पणी करने का किसी को अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं ज्योतिष वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित डॉ घिल्डियाल ने कहा कि उनके पास धर्म एवं ज्योतिशीय परामर्श लेने एम्स के पूर्व निदेशक पद्मश्री डॉ.प्रोफेसर रविकांत भी बराबर आते रहे हैं, और कई डॉक्टर भी आते हैं,पहली बार इस प्रकार की घटना वहां पर सुनने को मिली है, तो इस पर वह वर्तमान निदेशक से मुलाकात कर घटना की वास्तविक जानकारी लेते हुए अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सत्य सनातन धर्म और उसकी मर्यादाओं से उन्हें अवगत कराते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सचेत करेंगे।
विदित है कि सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल कल (आज) ऋषिकेश में पंजाब सिंध क्षेत्र इंटरमीडिएट कॉलेज में आयोजित प्रतिभा सम्मान दिवस का ”मुख्य अतिथि” के रूप में उद्घाटन भी करेंगे।