प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राज्य आंदोलनकारियों ने श्रीनगर में 10 नवंबर 1995 को श्रीयंत्र टापू कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्रीयंत्र टापू कांड को जलियांवाला कांड की तर्ज पर आंदोलनकारियों के साथ हुए जुल्म के तौर पर याद किया। इस अवसर पर शहीदों के याद में ऑल इंडिया डीएसओं की रेश्मा पंवार, मोनिका चौहान, कुलदीप रमोल ने जनगीत प्रस्तुत किये। शुक्रवार को डालमियां धर्मशाला में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी ने कहा कि श्रीयंत्र टापू का आंदोलन 1994 के आंदोलन की तरह पूरे प्रदेश में फैल गया था। कहा अलकनंदा नदी की दो धाराओं के बीच श्रीयंत्र टापू आंदोलन का प्रमुख केंद्र बन गया था। कहा 10 नवंबर को पुलिस ने टापू को घेर लिया था इस दौरान जो जुल्म हुआ उसकी हदें पार हो गई। कहा इस कांड में यशोधर बैंजवाल और राजेश रावत नदी में बह गए और उनके शव 21 नवंबर को बगवान से नदी से निकाले गए। उन्होंने उन दोनों शहीदों को भाव पूर्ण स्मरण किया। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी मदन मोहन नौटियाल, भूपेंदं्र पुण्डीर, भगवती प्रसाद कण्डवाल, जगमोहन, विनोद मैठाणी, श्रीयंत्र टापू कांड के महानायक यशोधर बेंजवाल की पत्नी उमा देवी, गंगा असनोडा, भारती, आनंद, रजनी, बबीता, द्वारिका सिंह पंवार, ह्दयराम कोटनाला, सुखदेव पंत आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डा. योगेंद्र काण्डपाल ने किया।
श्रीयंत्र टापू कांड के शहीदों को याद किया।
श्रीनगर राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान श्रीयंत्र टापू कांड में शहीद हुए यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर पीपल चौरी में राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र फर्स्वाण, प्रेम दत्त नौटियाल, राजेन्द्र रावत, प्रभाकर बाबुलकर, पीबी डोभाल, अरुण नेगी, सविता पंवार, संदीप, भानु, अमित, मोनिका अजय आदि लोग शामिल रहे।