अखिल भारतीय तकनीकी परिषद के दिशा निर्देशों के अनुसार एन.आई.टी. श्रीनगर में “स्टार्ट अप्स एंड स्टार्टअप इकोसिस्टम इन इंडिया” शीर्षक पर विशेषज्ञ व्याख्यान

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। अखिल भारतीय तकनीकी परिषद के दिशा निर्देशों के अनुसार सभी तकनिकी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश करने वाले स्नातक छात्रों के लिए 3 शैक्षणिक सत्र के प्रारम्भ में छात्र प्रेरण कार्यक्रम (इंडक्शन प्रोग्राम) का आयोजन करना आवश्यक है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए छात्रों को नए वातावरण में समायोजित करने और सहज महसूस करने में मदद करना है, उनमें संस्थान के लोकाचार और संस्कृति को विकसित करना, अन्य छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ संबंध बनाने में मदद करना, और उन्हें बड़े उद्देश्य और आत्म अन्वेषण की भावना से अवगत करना
समाज और प्रकृति के प्रति जागरूकता, संवेदनशीलता और समझ विकसित करना इत्यादि शामिल है। इस सन्दर्भ में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड में छात्र प्रेरण कार्यक्रम के दुसरे चरण के अंतर्गत डॉ.पमिता अवस्थी,एनआईटी हमीरपुर, ने “स्टार्टअप्स एंड स्टार्टअप इकोसिस्टम इन इंडिया” शीर्षक पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया और और छात्रों के साथ बातचीत की।


छात्रों के साथ अपने विचार साझा करते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा ” उद्यमिता के क्षेत्र में सकारात्मक मानसिकता और दृढ़ इच्छाशक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है। एक उद्यमी का सबसे पहला लक्षण है कि सुरक्षित और तुलनात्मक रूप से आसान विकल्प होने के बावजूद भी वह अपनी सोच और महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए रिस्क उठाने से पीछे नहीं हटता है। उन्होंने कहा सामान्य तौर एक इंजीनियर के रूप में पाठ्यक्रमों से विकसित कौशल कार्यस्थल पर मददगार साबित होता, परन्तु कई बार परिस्थिति भिन्न होती है।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा कहा ” शिक्षा जगत सिखाने के लिए अलग दृष्टिकोण अपनाता है जबकि स्टार्टअप और उद्यमिता का वातावरण आपको अलग तरीके से सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। स्टार्टअप और उद्यमिता एक ऐसे कौशल की मांग करते है जो किसी व्यावसायिक मॉडल में फिट बैठते हो। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा एक व्यावसायिक और व्यावहारिक कौशलआपको स्टार्टअप में अपना करियर शुरू करते समय अधिक प्रभावी और मददगार साबित हो सकता है।
इस अवसर पर उन्होंने स्टार्टअप और उद्यमिता से जुडी अन्य मूल बातें जैसे व्यक्तित्व मूल्यांकन, आइडिया जनरेशन, व्यवसाय योजना, स्टार्टअप और उद्यमिता सम्बन्धी सरकारी योजनाओ, परियोजनाओं या विचारों के लिए धन प्राप्त करना आदि मुद्दों पर भी चर्चा की।
प्रो.अवस्थी ने छात्रों से कहा कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए सबसे पहले अपने उस विचार को पहचाने जिस पर स्टार्टअप शुरू करना चाहते है। आपके स्टार्टअप लिए सही आइडिया कौन सा है यह जानने के लिए आप सबसे पहले यह देखे कि आपके सभी विचारों में कौन सा विचार ऐसा है जो मौजूदा किसी भी समस्या का समाधान करने में सहायक हो सकता है और फिर उस पर अपनी पूरी ऊर्जा के साथ लग जाए।
उन्होंने छात्रों को अपने उद्यमी विचारो को लिखकर संस्थान के सम्मुख प्रस्तुत करने का सुझाव भी दिया ताकि संस्थान द्वारा उनका मूल्यांकन कर के उचित प्रकार से परामर्श प्रदान किया जा सके।