प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। मजबूत शैक्षणिक सहयोग से हम सामूहिक रूप से एक ऐसे जीवंत शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर सकते हैं जो छात्रों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने और उन्हें 21वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने में सक्षम हो। प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, निदेशक एनआईटी,उत्तराखंड,ने यह बात पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के साथ किये जा रहे एक अकादमिक समझौते के दौरान कही।
राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक सहयोग बढ़ाने में योगदान देने और शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में पारस्परिक हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के बीच एक शैक्षणिक समझौता किया गया जिस पर एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक, प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के निदेशक, प्रोफेसर बलदेव सेतिया,ने हस्ताक्षर किये।
समझौता ज्ञापन पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में छात्रों के समग्र विकास के लिए बहुविषयक और समग्र शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार योग्यता, नवाचार और उद्यमिता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का क्षमता निर्माण आदि विषयों को प्रमुखता दी गयी है। इस लक्ष्य को साधने के लिए देश के शैक्षणिक संस्थानों के बीच पारस्परिक सहयोग पर आधारित एक मजबूत शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की जरूरत है। पीईसी, चंडीगढ़ के साथ किया गया यह समझौता एनआईटी द्वारा शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण कि दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा कि इस समझौते के तहत पारस्परिक हित के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास में सहयोग, कौशल विकास कार्यक्रम, प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण और संकाय विकास कार्यक्रम,छात्रों और संकाय के प्रशिक्षण में सहयोग, छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन/शीतकालीन इंटर्नशिप, औद्योगिक प्रशिक्षण, अतिथि व्याख्यान, कार्यशाला कार्यक्रम,औद्योगिक दौरों का संचालन और छात्र प्रशिक्षण और दौरे, और दोनों संस्थानों में प्रासंगिक बुनियादी ढांचे की स्थापना और रखरखाव में संयुक्त सहयोग और भागीदारी की भी परिकल्पना की गई है।
प्रोफेसर अवस्थी ने आशा व्यक्त की यह समझौता ज्ञापन चुनौतियों का समाधान करने और नवीन समाधानों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। उन्होंने संकाय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और विश्वास व्यक्त किया कि यह साझेदारी दोनों संस्थानों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
प्रोफेसर बलदेव सेतिया ने अपने संबोधन में एमओयू के महत्व पर प्रकाश डाला और अनुसंधान सहयोग और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता पर जोर दिया। प्रोफेसर अवस्थी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रोफेसर सेतिया ने कहा यह समझौता ज्ञापन एक आशाजनक साझेदारी का प्रतीक है जो अनुसंधान, नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा, जिससे दोनों संस्थानों के साथ व्यापक समुदाय को भी लाभ होगा।
एमओयू हस्ताक्षर समारोह में डॉ. सनत अग्रवाल (डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी, एनआईटी),प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह (एचएसआरआईसी, पीईसी), डॉ. वसुंधरा सिंह (डीन फैकल्टी अफेयर्स, पीईसी) एवं कर्नल आर एम जोशी (रजिस्ट्रार, पीईसी) और पीईसी के विभागाध्यक्षों ने भाग लिया।