उत्तराखंड सरकार को बाघों की चिंता है लोगों की जान की परवाह नहीं–गणेश गोदियाल

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। विगत दिवस देर सायं पूर्व विधायक गणेश गोदियाल विकास खण्ड खिर्सू के ढिकवालगांव में पीड़ित परिवार से मिलकर गुलदार द्वारा 3-4 वर्ष की बच्ची आयशा को मार डाले जाने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए उनके इस दुख में साथ होने की बात कही मौके पर उन्होंने वन विभाग के अधिकारी से वास्तु स्थिति व गुलदार को पकड़ने के बारे में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि विगत दिवस बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना ढिकवालगांव के निवासी गणेश नेगी के परिवार के साथ घटी ऐसी घटना और किसी के साथ ना घटे इसके लिए सरकार को ग्रामीणों की मांग पर तत्काल शूटर तैनात कर उचित कार्यवाही करनी चाहिए। गणेश गोदयाल ने कहा कि प्रदेश में बाघों की संख्या प्रदेश में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। उत्तराखंड सरकार की जितनी चिंता बाघों की संख्या बढ़ाने की है उतनी ही चिंता लोगों की जानी चाहिए सरकार को लोगों की जान की परवाह नहीं है जंगलों में तेजी से बढ़ रहे गुलदारों व बाघों से इंसानों के जीवन में हो रहे नुकसान के बारे में गंभीरता से सोचे।

उन्होंने आगे कहा कि अफसोस है की सरकार इस प्रकार की दुर्घटनाओं का शिकार हुए परिवार के बारे में सोचे सरकार मनुष्य के जान की कीमत चंद्र चार लाख रूपए है कम से कम 25 लाख के करीब होनी चाहिए। घटना के बाद से ही वन विभाग की टीम घटनास्थल पर मौजूद है। वन विभाग द्वारा ढिकवालगांव बाघ को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए गए हैं। ढिकवालगांव में वन विभाग की एसडीओ लक्की शाहा,गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी नागदेव रेंज के वन क्षेत्र अधिकारी ललित मोहन नेगी,खिर्सू रेंज से जगदीश सिंह नेगी वन दरोगा , रविंद्र कुमार वनबीट अधिकारी की देखरेख में नागदेव रेंज के 20 की लोगों टीम घटनास्थल पर तैनात है।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान दीपा नेगी, पूर्व प्रधान चंद्र सिंह नेगी खिर्सू ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रभानु सिंह बिष्ट, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश चमोली,विजय रावल आदि लोग उपस्थित थे । वन क्षेत्राधिकार ललित मोहन नेगी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाग/गुलदार से प्रभावित परिवार को अग्रिम रूप में 150000 एक लाख पचास हजार रूपए उनके आश्रितों को दे दी गई है बाकी शेष राशि दो लाख पचास हजार रूपए उनके बैंक अकाउंट में 15 दिनों के अंदर पहुंच जाएगी। वन विभाग व उत्तराखंड सरकार की बाघ को शूट करने की कोई परमिशन नहीं आई है इस दुर्घटना को करीब 48 घंटे हो चुके हैं लेकिन इस सरकार के मंत्री अभी तक पीड़ित परिवार एवं दुर्घटना स्थल पर नहीं पहुंच पाए यह बहुत ही चिंता का विषय है।