प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। बिना किसी तरह से आवेदन किये हुए सिर्फ कार्यो की गुणवत्ता के आधार पर विशिष्ट संस्थाओं द्वारा सम्मानित होना अपने आप में उपलब्धि को दर्शाता है। इसी तरह के अद्भुत प्रतिभा के धनी के रुप में राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला का नाम उजागर होता है।आज साहित्य सृजन में प्रेरणा दायिनी साहित्य के राष्ट्रीय स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण पहचान बना चुके हैं। आज आम जनमानस में इस तरह से पक्कड बना चुके हैं कि आज संस्थाएं चमोला को सम्मानित करके आपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही है।शिक्षक दिवस के पुनीत सुअवसर पर अखिलेश चन्द्र चमोला को कयी संस्था ओं ने सम्मानित किया,सुरभि राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थान मुम्बई महाराष्ट्र, साहित्य सेवा संस्था गुजरात ने इन्हें राधाकृष्णन 2023 सम्मान से सम्मानित किया। चमोला से सम्पर्क करने पर चमोला ने बताया कि बिना किसी तरह के आवेदन किये हुए संस्धा मुझे सम्मानित कर रही है तो उन संस्धा ओं का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं,मेरे लिए यह गर्व का विषय है कि मेरी शैक्षिक गतिविधियों तथा प्रेरणा दायिनी साहित्य सृजन का मूल्यांकन किया जा रहा है। इस तरह के पुरस्कारों से निस्संदेह कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।इस सम्मान की खबर सुनकर मेडिकल कॉलेज देहरादून के शिक्षा विद डां0 महेंद्र सिंह भन्डारी ने कहा कि चमोला की साहित्य सृजना भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा दायिनी है,वह समय दूर नही है,जब भविष्य में इस तरह के साहित्य पर शोध किया जायेगा।