देहरादून-मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने आज सचिवालय में वन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। सीएस ने कहा कि बन्दरों व जंगली सुअरों के द्वारा प्रदेश में खेती को अत्यधिक नुकसान हो रहा है। बन्दरों की संख्या को सीमित करने हेतु उनका बन्ध्याकरण किया जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बन्दरों के बन्ध्याकरण के लिए बन्दर बन्ध्याकरण केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाए। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुचिकित्सकों एवं अन्य सहायक स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने फसलों को जंगली सुअरों से होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए भी योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बंदरों और जंगली सुअरों से होने वाले नुकसान को कम करना होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने पिरूल से ईंधन के रूप में प्रयोग होने वाले पैलेट्स तैयार करने और ईको पार्क योजना की प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं की निरन्तर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, वन विभाग प्रमुख (हॉफ) श्री अनूप मलिक एवं सचिव पशुपालन डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने आज सचिवालय में वन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। सीएस ने कहा कि बन्दरों व जंगली सुअरों के द्वारा प्रदेश में खेती को अत्यधिक नुकसान हो रहा है। बन्दरों की संख्या को सीमित करने हेतु उनका बन्ध्याकरण किया जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बन्दरों के बन्ध्याकरण के लिए बन्दर बन्ध्याकरण केंद्रों की संख्या बढ़ायी जाए। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुचिकित्सकों एवं अन्य सहायक स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने फसलों को जंगली सुअरों से होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए भी योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बंदरों और जंगली सुअरों से होने वाले नुकसान को कम करना होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने पिरूल से ईंधन के रूप में प्रयोग होने वाले पैलेट्स तैयार करने और ईको पार्क योजना की प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं की निरन्तर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, वन विभाग प्रमुख (हॉफ) श्री अनूप मलिक एवं सचिव पशुपालन डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।