अब तक मालदीव के 818 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें एसीसी, मालदीव के 29 अधिकारी भी शामिल हैं
महानिदेशक वी श्रीनिवास ने सिविल सेवकों से सेवाओं की बेहतर आपूर्ति के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने का अनुरोध किया
लोगों के जीवन में सुधार सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी टीम भावना और ज्ञान को परस्पर साझा करना आवश्यक है
एनसीजीजी के प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के मंत्र के साथ जुड़े हुए हैं जिनमें विकासात्मक रणनीतियों को तैयार करते और सार्वजनिक नीतियों को लागू करते समय नागरिकों को सबसे आगे रखा गया है। इस संदर्भ में ये कार्यक्रम नागरिक केंद्रित शासन के सिद्धांतों को मजबूत बनाते हैं और ज्ञान, सूचना और नवाचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ सर्वोत्तम प्रथाओं और डिजिटल शासन को अपनाने में प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। यह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक प्रयास है।
समापन सत्र की अध्यक्षता नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के महानिदेशक वी श्रीनिवास ने की। उन्होंने प्रतिभागी अधिकारियों से इस कार्यक्रम के दौरान प्राप्त अनुभव का पूरा उपयोग करने और इस अवसर का लाभ उठाने तथा ज्ञान को साझा करने और समूहों में काम करने का आग्रह किया, क्योंकि अच्छे विचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी टीम निर्माण बहुत आवश्यक है जिसका नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने इस कार्यक्रम की अधिक से अधिक क्षमता का उपयोग करने और सर्वोत्तम प्रथाओं से ज्ञान प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया, जिसे अपनी प्रासंगिक परिस्थिति के अनुसार संशोधित किया जा सकता है।
उन्होंने सिविल सेवकों के लिए डिजिटल क्रांति का पूरी तरह से उपयोग करने और नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रभावी उपयोग का हवाला देते हुए डिजिटल शासन को आगे बढ़ाया जा सके, जिसने भारत को कोविड-19 महामारी से सफलतापूर्वक निपटने और लोगों को बेहतर और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम बनाया है। महानिदेशक ने प्रतिभागी अधिकारियों को इस कार्यक्रम से महत्वपूर्ण शिक्षा की पहचान करने के लिए प्रेरित किया, जिन्हें वे अपने कार्य माहौल की आवश्यकताओं के अनुरूप अपना सकते हैं और संशोधित कर सकते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम से मिले ज्ञान को प्रदर्शित करते हुए उत्कृष्ट प्रस्तुति देने के लिए अधिकारियों की सराहना की।
कार्यक्रम के समापन समारोह में मालदीव गणराज्य के उच्चायुक्त श्री इब्राहिम शाहीब भी शामिल हुए, जिन्होंने अपने देश के अधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए प्रदान किए गए समर्थन के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और मालदीव के अधिकारियों की प्रभावी और सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने “मालदीव में स्कूलों के डिजिटलीकरण” और मालदीव में अस्पताल सेवाओं के डिजिटलीकरण के बारे में प्रतिभागी अधिकारियों के विस्तृत और अद्भुत प्रस्तुति को देखकर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों से परस्पर जुड़े रहने और अपने देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी. एस. बिष्ट ने बताया कि 26वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में एनसीजीजी ने देश की विभिन्न पहलों को साझा किया है, जिनमें शासन के बदलते प्रतिमान, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली, भारत-मालदीव संबंध, आधार: सुशासन का एक उपकरण, सार्वजनिक नीतियों का कार्यान्वयन, प्रशासन में नैतिकता, सार्वजनिक नीति बनाने में व्यवहारिक अंतर्दृष्टि, जेन्डर और विकास, समग्र गुणवत्ता प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सरकारी ई-मार्केटप्लेस, स्मार्ट सिटी विकास, विभिन्न विकास योजनाओं से सर्वोत्तम प्रथाएं, पीने के पानी के लिए कम लागत वाला विलवणीकरण, जलवायु परिवर्तन, पर्यटन, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया उमंग, नेतृत्व, समन्वय और संचार, स्वास्थ्य देखभाल शासन, स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवहार, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, कौशल भारत, भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियां शामिल है।
प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार की विकासात्मक परियोजनाओं और संस्थानों का अवलोकन करने के उद्देश्य से यात्रा करने के बारे में जानकारी दी गई। ऐसी यात्राएं उन्हें स्मार्ट सिटी, देहरादून, प्रधानमंत्री संग्रहालय, एम्स सहित प्रमुख पहलों और संगठनों की अमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करती हैं।
26वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समग्र पर्यवेक्षण और समन्वय मालदीव के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ बी.एस. बिष्ट ने डॉ संजीव शर्मा, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम के साथ किया।