गबर सिंह भंडारी
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में भेषज विभाग की जड़ी-बूटी के संग्रहण एवं उसके विक्रय से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए वन विभाग, कृषि विभाग तथा भेषज विभाग को संयुक्त रूप से जड़ी-बूटी के कलेक्शन, संग्रहण केंद्रो तथा उसके संग्रहणकर्ता व विक्रय इत्यादि सभी की पारदर्शी, लाभार्थी केन्द्रित, विविधतापूर्ण और बाजार अनुकूल कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये।
इसके लिए उन्होंने अभी तक के प्रचलन में हो रहे जीओ का भी अवलोकन करते हुए उसको अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन स्तर से भी उचित मार्गदर्शन लेने तथा तब तक जड़ी-बूटी के संग्रहण और विक्रय से संबंधित अन्य जनपदों में प्रचलित अच्छे मॉडल पर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कृषि और भेषज विभाग को संयुक्त रूप से ऐसे सभी क्षेत्रों का जहां पर जड़ी-बूटी उत्पादित हो रही है, संग्रहणकर्ताओं तथा संग्रहरण केंद्रों का 7 दिन की अवधि के भीतर सर्वे करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने भेषज विभाग के अधिकारियों द्वारा जड़ी-बूटी के संग्रह और उसके विक्रय के संबंध में बेहतर परफॉर्मेंस ना करने तथा इस संबंध में बरती जा रही हीलाहवाली के चलते उनका वेतन ना आहरित करने को कहा। उन्होंने कृषि और भेषज विभाग को निर्देशित किया कि संग्रहकर्ता का क्षेत्रवार चिन्हितकरण करते हुए उनकी इस संबंध में कैसे सहायता की जा सकती है तथा उनको इस संबंध में यदि प्रशिक्षण की जरूरत हो तो तदनुसार कार्य करने के निर्देश दिये।
उन्होंने भेषज विभाग के कार्यालय को कोटद्वार से थलीसैंण या पौड़ी मुख्यालय में शिफ्ट करने तथा नियमित अन्तराल पर इसकी बैठक आयोजित करवाने के मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि जनपद में वन क्षेत्रों में तथा वन क्षेत्रों के बाहर उत्पादित होने वाली जड़ी-बूटी का पारदर्शिता से संग्रहण और विक्रय हो तथा इस कार्य को लाभार्थी केन्द्रित, विविधतापूर्ण और मार्केट अनुकूल बनायें ताकि अधिक-से-अधिक लोगों के लिए स्वरोजगार का जरिया बन सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डेय, डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरूद्व, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, सचिव जिला भेषज सहकारी संघ लिमिटेड कोटद्वार आशीष मिश्रा, जिला भेषज समन्वयक प्रमोद कुमार उपस्थित थे।