गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। अलकनंदा के तट पर बसा श्रीनगर ऐतिहासिक पौराणिक अध्यात्मिक धार्मिक नगरी बद्री केदार एवं हेमकुंडसाहिब आने जाने का मुख्य पड़ाव के साथ ही यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की प्रतिदिन काफी चहल-पहल रहती है।
श्रीनगर क्षेत्राअंतर्गत असंख्य देवी देवताओं एवं भोले शिव शंकर के असंख्य मंदिर स्थापित होने के कारण हमेशा घंटियों की खनक व शंख की ध्वनि से गुंजायमान रहती है।
श्रीनगर नए बस अड्डे के समीप एकत्रित कूड़े के ढेर के नजदीक मां अलकनंदा के साथ ही शहर का राज्यघाट एवं निकट अलकेश्वर मंदिर, शनि मंदिर, केशवराय मठ, साईं मंदिर के साथ ही चिल्ड्रन एकेडमी और मार्शल पब्लिक स्कूल आदि हैं।
अभी पूर्व में उच्चतम न्यायालय व राज्य सरकार के निर्देशन में पूरे जिले भर में एक पखवाड़े तक लगभग सभी विभागों में सामाजिक संगठनों संस्थाओं द्वारा जोर-शोर से स्वच्छता अभियान चलाया गया।
लेकिन कुछ समय पूर्व से यहां नगर निगम प्रशासन द्वारा कूड़े के को प्रबंधन के कारण श्रीनगर व नैथाणा पली पार वासियों सहित बाहर से आने जाने श्रद्धालुओं को भी जिल्लत उठानी पड़ रही है यहां पर इसको लेके ढेर से आसपास के रहने वाले निवासियों तथा राज्य घाट पर आने वालों को दुर्गंध से काफी परेशानी होती है और बारिश होते ही इस कूड़े कचरे का गंदा पानी मां अलकनंदा की अमृत जलधारा को मैंला कर रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह भंडारी का कहना है कि मैंने अपनी व्यक्तिगत आधार पर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि नगर निगम प्रशासन कूड़ा डंपिंग जोन को अनियंत्रित स्थानांतरित करे।
उन्होंने कहा कि मां अलकनंदा करोड़ों लोगों की आस्था है।
हमारी आस्था को चोट पहुंच रही है तथा जिस तरह गर्मियों में इस कूड़े के ढेर से दुर्गंध उठती है उससे इस क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है जनहित व धार्मिक महत्व के मध्ये नजर नगर निगम को कूड़ा डंपिंग जोन यहां से अविलंब अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा।
यदि शीघ्र ही इस एकत्रित कूड़े का निस्तारण नहीं किया जाता है तो दुर्गंध फैलने से पर्यावरण भी प्रदूषित होगा। पर्यावरण एवं मां अलकनंदा की धारा को भी प्रदूषित होने का खतरा है।