पहाड़ की महिलाओं के प्रसव का पसंदीदा अस्पताल बना श्रीनगर का बेस चिकित्सालय

गबर सिंह भंडारी

श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड प्रदेश की विषय भौगोलिक परिस्थितियों वाले गढ़वाल मंडल क्षेत्र के जनपदों की स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभाले राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर आज पहाड़ की महिलाओं के सुरक्षित प्रसव का पसंदीदा अस्पताल बनकर उभर रहा है। यहां गढ़वाल चार जिलों से बड़ी संख्या में महिलाएं प्रसव कराने के लिए बेस चिकित्सालय पहुंची है। जिनका यहां सुरक्षित प्रसव होने से बच्चों की किलकारी से हर रोज बेस चिकित्सालय गूंज उठता है। विगत साढ़े तीन सालों के भीतर 13 हजार से अधिक प्रसव बेस चिकित्सालय का स्त्री एवं प्रसूति विभाग करा चुका है।
बेस चिकित्सालय का स्त्री और प्रसूति रोग विभाग में महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रसव कराने के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल से विशेष सुविधाएं उपलब्ध करायी गई, जिससे आज यहां महिलाओं को प्रसव के दौरान बेहतर सुविधाएं मिल रही है।
मंत्री की पहल पर नियमित डाक्टरों की उपलब्धता एंव नियमित महिला एम.एस.डब्ल्यू व काउन्सलर की व्यवस्था की गई है। जिससे अस्पताल में सुरक्षित डिलिवरी की सुनिश्चितता हो पाई है। यहीं नही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत के दिशा-निर्देशन एवं लगातार मॉनिटरिंग के बाद यहां महिलाओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान हो रही है। बेस चिकित्सालय में प्रसव कराने के साथ ही डॉक्टरों से परामर्श और चेकअप के लिए भी बड़ी संख्या में हर दिन ओपीडी में महिलाएं पहुंचती है। विगत साढ़े तीन सालों की ओपीडी के आंकड़े पर देखे तो यहां 23 हजार से अधिक महिलाएं पहुंची है। वर्तमान में यहां तीन डॉक्टर सहित पीजी जेआर समेत इंटर्न सहित पर्याप्त मात्रा में नर्सिंग स्टॉफ मौजूद है। यहां रूद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, टिहरी जनपदों से महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती है। प्रसव के लिए महिलाओं का बेस अस्पताल पर भरोसा होना इसके लिए पीछे विगत 13 सालों से पहाड़ के अस्पताल में सेवाएं दे रहे गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा है। उनके प्रयासों से आज विभाग में महिलाओं को बेहतर सेवाएं मिल रही है। डॉ. बोरा के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीप्ती एवं सीनियर रेजीडेंट डॉ. नेहा सहित तमाम स्टॉफ सेवाएं दे रहा है। गायनी विभाग के पास 100 बेड की पूरी सुविधा है। जिसमें एएनसी, पीएनसी और गायनी वार्ड है।

काल्पोस्कोपी और हिस्टोस्कोपी की जांच की सुविधा
गायनी विभाग में काल्पोस्कोपी की जांच की सुविधा भी है, जिससे दूरबीन द्वारा बच्चेदानी के मुख की कैंसर की जांच होती है। इसके साथ ही हिस्टोस्कोपी द्वारा बच्चेदानी की अंदरूनी अदरूनी जांच की सुविधा है। इसके साथ ही अब गायनी ओटी में ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा बहाल करने की योजना है। ताकि प्रसव के दौरान महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए अन्य स्थान पर ना जाना पड़े।
बेस चिकित्सालय में महिलाओं को प्रसव के लिए तमाम सुविधाएं जुटाई गई है, महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हो इसके लिए गायनी विभाग प्रयासरत है। पहाड़ से अधिकांश प्रसव वाली महिलाएं बीपी और खून की कमी वाली पहुंचती है, ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि बीपी पर रेगुलर चेकअप कराये और पहले बच्चे में बीपी संबंधी अन्य हिस्ट्री के संदर्भ में पूरी जानकारी डॉक्टरों को दे। साथ ही गर्भवती होने पर 100 दिन की आयरन की गोली खाने के साथ पौष्टिक आहार ले। ताकि खून की कमी ना रहे। डॉ. नवज्योति बोरा, एचओडी, गायनी विभाग, बेस चिकित्सालय।