आयुष डॉक्टरों को दिया प्राथमिक ट्रॉमा केयर प्रशिक्षण
घायलों को गुणवत्तापूर्ण ट्रॉमा देखभाल का प्रशिक्षण
उत्तराखंड सरकार के आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग के समन्वय में प्रशिक्षण
गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। प्रदेश के आयुष डॉक्टरों को ग्रामीण इलाकों में पीड़ितों को प्राथमिक ट्रॉमा कैसे दी जाए और गुणवत्तापूर्ण ट्रॉमा देखभाल किस तरह से की जाए इसको लेकर मेडिकल कॉलेज में आयुष डॉक्टरों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें 52 आयुष डॉक्टरों ने प्राथमिक ट्रॉमा की ट्रैनिंग ली। उत्तराखंड सरकार के आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग के सौजन्य से लाइफलाइन फाउंडेशन की ओर से प्रदेशभर के डॉक्टरों को दिया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित प्रशिक्षण में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि ऐसी ट्रेनिंग स्किल क्रिटिकल दशा में जीवनदायिनी होती हैं व निश्चित रूप से बहुत ही लाभकारी रहती है। इस तरह की स्किल ट्रेनिंग तृतीय सन्दर्भण केन्द्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देख देख में नियत अन्तराल पर होती रहनी चाहिये। प्राचार्य ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकार की उक्त पहल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। प्रशिक्षण में मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ. अजेय विक्रम सिंह एवं सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरि सिंह द्वारा आयुष डॉक्टरों को प्राथमिक ट्रॉमा केयर के बारे में प्रशिक्षित किया। उन्होंने कष्टकारक अवस्था में मरीज एंव दुर्घटना में घायल व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा एंव सीपीआर से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इससे डॉक्टर्स कष्टकारक स्थिति में अस्पताल में प्राप्त होने वाली चिकित्सा के पूर्व रोगी को संभालने में सक्षम होंगे और दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम कर मरीज का जीवन बचाने में सहायक होंगें। इसका लाभ प्रदेश की जनता को होगा। एनेस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के संदर्भ में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि अगर किसी कारण कोई व्यक्ति बेहोश हो गया हो, दिल की धड़कन बंद हो गई हो या पल्स नहीं चल रहा हो, तो ऐसी स्थिति में सीपीआर ही दी जाती है। इसकी मदद से पेशेंट को सांस लेने में सहायता मिलती है। कहा कि सीपीआर देने के दौरान हार्ट और ब्रेन में ब्लड सर्क्युलेशन में सहायता मिलती है और इसकी मदद से व्यक्ति को एक नया जीवन भी मिल सकता है। वहीं सर्जरी विभाग के डॉ. हरि सिंह ने सर्जरी केस में किसी तरह से मरीज को सहायता प्रदान कर इस संदर्भ में जानकारी दी। लाइफलाइन फाउंडेशन के डॉ. वैभव सिंधी और मनोज ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर बैंक की सीएसआर गतिविधियों के तहत एचडीएफसी बैंक परिवर्तन द्वारा प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।