गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल – जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र की बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारी को दिव्यांगजनों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें प्रेरित कर व स्वरोजगार स्थापित करने से पूर्व प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करें।
बुधवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित संस्था को निर्देशित किया कि जनपद में दिव्यांगों का सही रूप से चिन्हिकरण करते हुए उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र, यूआईडी कार्ड, दिव्यांग उपकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की योेजनाओं से दिव्यांगजनों को लाभाविंत करने हेतु सेवायोजन, उद्योग व बैंक अधिकारियों के साथ बैठक करें। कहा कि स्वरोजगार से रूचि रखने वाले दिव्यांगजनों का आवेदन बैंक को प्रस्तुत करें व उन्हें समय पर बैंक से ऋण पास कराकर स्वरोजगार से जोड़े। जिससे वह स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार से जुड़कर अपनी आर्थिकी मजबूत बना सकेंगे।
जिला दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र के नोडल अधिकारी धर्मेद्र पंवार ने बताया कि दिव्यांगजनों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 06 लोगों का ऋण हेतु बैंक में आवेदन किया गया, जिसमें 02 लोगों का ऋण पास हुआ है और उन्होंने स्वरोजगार स्थापित कर लिया है। कहा कि जिन दिव्यांगजनों के आवेदन बैंक स्तर पर लंबित हैं उनके दस्तावेजों को पूर्ण करते हुए पुनः बैंक को प्रस्तुत किया जायेगा। कहा कि वर्ष 2022-23 में जनपद में 137 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग वितरण व 7687 यूडीआईडी कार्ड के आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 6915 यूडीआईडी कार्ड दिव्यांगों को वितरित कर दिये गये हैं।
वहीं जिलाधिकारी ने अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण योजना के तहत पीढ़ितों को दी जाने वाली सहायता राशि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शासन से जैसे ही धनराशि प्राप्त होती है तत्काल संबंधित पीढ़ितों को सहायता राशि प्रदान करना सुनिश्चित करें। समाज कल्याण विभाग द्वारा समिति के समक्ष अत्याचार के कुल 05 वाद प्रस्तुत किये गये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।