उत्तराखंड में एक हजार धाम, संस्कृत स्कूल व ध्यान केन्द्र हो स्थापित- नैथानी

 

24वीं विश्वनाथ मॉ जगदीशिला रथ यात्रा 3 मई से होगी शुरु

मंत्री बोले, प्रदेश में एक हजार धाम विकसित कराने के उद्देश्य

विश्वनाथ मॉ जगदीशिला की डोली 17 मई यमुनोत्री, 18 मई गंगोत्री

22 मई को केदारनाथ व 24 मई को बद्रीनाथ पहुंचेगी डोली

गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल

श्रीनगर गढ़वाल – प्रसिद्ध बाबा विश्वनाथ मॉ जगदीशिला इस साल तीन मई से अपनी 24वीं डोली यात्रा शुरु करेगी। 29 दिनों की यात्रा के दौरान उत्तराखंड के विभिन्न देवालयों एवं चारों धामों का भ्रमण करने के बाद यात्रा 30 मई को गंगा दशहरा पर्व पर संपंन होगी। यात्रा के संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि यात्रा के माध्यम से विश्व शांति, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और भगवान बद्रीनाथ धाम की तरह उत्तराखंड में एक हजार धाम स्थापित करने, संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए एक हजार संस्कृत विद्यालय खोलने तथा ध्यान केन्द्र खोलने की मांग सरकार से रखी जायेगी।


डोली यात्रा के संयोजक एवं प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथ यात्रा अपने 24वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। इस बार यात्रा का शुभारंभ तीन मई से शुरु होगा। उन्होंने कहा कि डोली यात्रा देव यात्रा के साथ ही समाज में जागरूकता लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी चलायेगी। यात्रा का उद्देश्य पवित्र धामों से प्लास्टिक एवं पॉलीथीन प्रतिबंध हेतु जन जागरण किया जायेगा। जबकि पर्यावरण संरक्षण, बंजर भूमि को उपयोगी बनाकर उद्यानीकरण, जैविक खेती करने, जडी-बूटी को प्रोत्साहन देने, उत्तराखंड में सभी देवलायों को धामों के रूप में चिन्हित करने की मांग की जायेगी। कहा कि उत्तराखंड के सभी प्रसिद्ध देवालयों की सूची पर्यटन मंत्री उत्तराखंड सतपाल महाराज को भी सौंपी गई, ताकि चारधाम की भांति इन देवालयों की जानकारी तीर्थ यात्रियों को मिले और यहां तीर्थ यात्री पहुंचने से सभी देवालयों को धामों के रूप में बदला जा सके और उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन बढ़ने से रोजगार की संभावनाएं बढ़ सके। कहा कि यात्रा उत्तराखंड के सभी देवलायों में पहुंचेगी। जबकि 17 मई यमुनोत्री, 18 मई गंगोत्री और 22 मई को केदारनाथ व 24 मई को बद्रीनाथ पहुंचेगी। 29 दिनों की यात्रा के बाद 30 मई को गंगा दशहरा पर्व पर डोली स्नान के बाद यात्रा कार्यक्रम संपन होगा। यात्रा का समापन भगवान रामचन्द्र के गुरु वशिष्ट एवं स्वामी रामतीर्थ की तपस्थली विशोन पर्वत पट्टी ग्यारह गांव हिंदाव भिलगंना टिहरी में विधि विधान से होगा। कार्यक्रम में यात्रा अध्यक्ष रूप सिंह बजियाला, संयोजक हरीश चन्द्र दुर्गापाल, रथ संयोजक गोविंद पेटवाल सहित गढ़वाल, कुमाऊं से विभिन्न लोगों को जिम्मेदारी दी गई है।