गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर गढ़वाल – राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के एनेस्थसिया विभाग द्वारा विभिन्न स्कूलों में पहुंचकर कार्डियोप्मोनरी रिसिसटेशन (सीपीआर) की ट्रैनिंग दी जा रही है। यह ट्रैनिंग 11 व 12वीं के छात्र-छात्राओं को दी जा रही है, ताकि उक्त ट्रैनिंग लेकर छात्र अपने घर या आस-पास में यदि कोई व्यक्ति बेहोश हो गया या दिल की धड़कन बंद हो गई या पल्स नहीं चल रहा है तो ऐसी स्थिति में सीपीआर दे सकते है। इससे व्यक्ति को सांस लेने में मदद मिलती ही साथ ही हार्ट और ब्रेन में ब्लड़ सक्र्युलेशन में सहायता मिलती है और सीपीआर देकर व्यक्ति को नया जीवन मिल सकता है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत के सुपरविजन में एनेस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ. अजेय विक्रम सिंह के नेतृत्व में श्रीनगर के कान्वेंट स्कूल के 190 छात्र-छात्राओं के साथ ही टीचिंग स्टाफ को सीपीआर की ट्रैनिंग दी गई। डॉ अजेय विक्रम सिंह ने स्कूली छात्रों को बताया कि सीपीआर आपातकालीन स्थिति में दी जाने वाली जीवनरक्षक प्रक्रिया है। इस जीवनरक्षक प्रक्रिया के द्वारा हम सिर्फ अपने दोनों हाथों से ही किसी व्यक्ति की रुकी हुई हृदय गति को वापिस लाने की कोशिश की जाती है। समय रहते यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा उचित तरीके से सीपीआर की प्रक्रिया को किया जाये तो उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के मेडिकल उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है। आपातकालीन स्थिति में सीपीआर की प्रक्रिया किसी भी स्थान पर किसी भी व्यक्ति द्वारा की जा सकती है। डॉ सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में किसी भी आयुवर्ग में कार्डियक अरेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है तथा आपातकालीन स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अस्पताल तक ले जाने का समय भी नहीं होता है। ऐसी स्थिति में किसी भी आम आदमी के द्वारा सीपीआर प्रक्रिया कर के उस व्यक्ति की हृदयगति वापिस लायी जा सकती है तथा उस व्यक्ति को अस्पताल तक ले जाने का समय मुहैया हो जाता है। टीम में एनेस्थिसिया विभाग के डॉ हरीश व डॉ अनिकेत शर्मा आदि मौजूद थे। स्कूल प्रबन्धक द्वारा बच्चों को उक्त ट्रेनिंग देने पर मेडिकल कॉलेज का आभार प्रकट किया।