वोकल फॉर लोकल और एक जिला – एक उत्पाद आत्म निर्भरता के इरादों से अपने स्थानीय कलाकारों की कृतियों को पहचान देने के साथ ही बाजार भी उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभा रहा है

भोपाल जिले के सोनागिरी बीएचईएल क्षेत्र के निवासी श्री प्रभात सिसोदिया पत्थरों को सजीव रूप देने में माहिर है। विगत 15 वर्षों से संगमरमर की मूर्तियां बना रहे हैं। श्री प्रभात सिसोदिया बताते है कि पहले प्रायवेट जॉब के साथ शौक के रूप में इस कार्य को किया करते थे किन्तु पिछले 15 वर्षों से अपने शौक को ही अपना व्यवसाय बना लिया है। अब इसमें कुछ नया करने के लिए अपनी कला को और उभार कर संगमरमर के पाउडर पत्थरों पर की गई कारीगरी के साथ उनको तराशकर, कुंदन नग, ज्वैलरी इत्यादि से उनका श्रृंगार कर एक नये रूप में सजीव स्वरूप दिया है। इसके साथ-साथ साँची का स्तूप, खजुराहों के मंदिर एवं मूर्तियों के छोटे-छोटे पत्थर एवं संगमरमर के तराशे हुए प्रतिबिम्ब, दीपावली की थालियां, रोली, कुमकुम इत्यादि भी बनाते हैं जिसकी बाजार में खूब मांग है।

श्री प्रभात कहते हैं कि सरकार के इन उत्पादों के लिए लगाए जाने वाले मेला उन जैसे कलाकारों को नई पहचान देने में मददगार साबित हो रहे हैं और उनकी आजीविका अब पटरी पर आ गई है।